सोना यानी गोल्ड हर किसी को लुभाता है, और हम भारतीयों को तो कुछ ज्यादा ही. गोल्ड भारतीयों के लिए बचत है, निवेश है, रिटायरमेंट प्लान है और गहना तो है ही. फाइनेंशियल प्लानर भले ही गोल्ड में इन्वेस्टमेंट को रिटर्न के लिहाज से ज्यादा भाव न दें, हम भारतीय गोल्ड को अपने सिर आंखों पर बिठाते हैं.
सोने के साथ हमारा ये जज्बाती रिश्ता हमें चीन के बाद दुनिया में गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर बना देता है. साल 2016 में भारत में 675.5 टन सोने की खपत हुई, हालांकि 2015 के 857 टन की खपत के मुकाबले इसमें 21 फीसदी की कमी आई थी. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि 2017 में भारत में सोने की डिमांड 650-750 टन के बीच रह सकती है.
हम भारतीयों के सोने के प्रति इस लगाव को देखते हुए इसी साल अप्रैल में ई-वॉलेट और ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम भी गोल्ड बिजनेस में उतर आई. कंपनी अपने ई-वॉलेट के जरिए लोगों को सोना खरीदने-बेचने की सुविधा देती है. कंपनी अपने प्लेटफॉर्म के जरिए कारोबारी साल 2017-18 में 5 टन सोना बेचना चाहती है. मौजूदा कीमतों के हिसाब से इतने सोने की वैल्यू होगी करीब 1,400 करोड़ रुपए.
क्या खास है पेटीएम पर गोल्ड ट्रांजेक्शन में
पेटीएम के जरिये खरीदार काफी छोटी रकम में भी सोने की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं, यहां तक कि 1 रुपए में भी. इस डिजिटल गोल्ड को आप जमा करते रह सकते हैं, और जब आपको जरूरत हो, इसे आप बेच सकते हैं. पेटीएम के प्लेटफॉर्म के जरिए आप फिजिकल गोल्ड की डिलीवरी भी ले सकते हैं.
हालांकि ये डिलीवरी कम से कम 1 ग्राम गोल्ड की होगी. कंपनी का दावा है कि ये फिजिकल गोल्ड 24 कैरेट का होगा. इसके लिए कंपनी ने एमएमटीसी के साथ करार किया है. ग्राहक पेटीएम पर सोने के सिक्कों के कैटलॉग में दिए गए डिजाइन में से अपना मनपसंद डिजाइन भी चुन सकते हैं.
पेटीएम के जरिए आप कितना भी गोल्ड खरीद सकते हैं. अधिकतम सीमा की कोई पाबंदी नहीं है लेकिन 20 हजार रुपए से ज्यादा का सोना खरीदने के लिए आपको केवाईसी डॉक्यूमेंट जमा कराने होंगे.
जब गोल्ड खरीदा जाएगा, तो पेटीएम अकाउंट में उसे गोल्ड बैलेंस के रूप में दिखाया जाएगा. ये गोल्ड बैलेंस आपके चाहने पर फिजिकल गोल्ड में तब्दील होकर आपके घर तक पहुंचाया जा सकता है, या फिर उसे आप बेचकर पैसे ले सकते हैं.
खरीद और बिक्री मूल्य में भारी अंतर
वैसे तो सुनने में पेटीएम पर सोने की खरीद-फरोख्त काफी आसान लग रही है, लेकिन ये जान लें कि यहां सोने की खरीद और बिक्री की कीमत में काफी अंतर है. आज अगर आप पेटीएम पर गोल्ड खरीदते हैं तो इसके लिए आपको प्रति ग्राम देने होंगे 3096 रुपए, जबकि वही सोना बिकेगा 2996 रुपए में, यानी प्रति ग्राम 100 रुपए का अंतर. कीमतों में ये अंतर 3 प्रतिशत से भी ज्यादा है.
जाहिर है अगर आपने पेटीएम पर सोना खरीदा तो कम से कम उसकी कीमत 3 परसेंट बढ़ने के बाद ही उसे बेचना समझदारी होगी. यानी निवेश के मकसद से तो पेटीएम से गोल्ड खरीदना नुकसान का सौदा है.
कंपनी अपनी वेबसाइट पर खुद मानती है कि पेटीएम गोल्ड की खरीद-फरोख्त एक तरह से वैसी ही है, जैसे कि आप सोने के सिक्के खरीदते-बेचते हैं. कंपनी का दावा है कि सोने के सिक्कों की खरीद और बिक्री की दर में 8-10 प्रतिशत का अंतर होता है.
घर पर डिलीवरी का ऑप्शन
अगर आप पेटीएम पर गोल्ड खरीदने के बाद अपने घर पर उसकी डिलीवरी चाहते हैं, तो आपके पास सिक्के या पेंडेंट मंगाने का विकल्प है. लेकिन इन सिक्कों या पेंडेंट के लिए आपको मेकिंग चार्ज अलग से देना होगा.
ये मेकिंग चार्ज 362 रुपए से लेकर 800 रुपए प्रति सिक्के तक है. पेटीएम पर गोल्ड बेचने के बाद कंपनी आपके बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए 10 रुपए की आईएमपीएस फीस भी लेती है. साथ ही ये पैसे आपके अकाउंट तक क्रेडिट होने में 72 घंटों तक का समय लग सकता है.
एक बात और याद रखें. आप पेटीएम अकाउंट में गोल्ड अधिकतम 5 साल तक ही रख सकते हैं. उसके बाद आपको या तो उस गोल्ड की फिजिकल डिलीवरी लेनी होगी या फिर उसे बेचकर पैसे लेने पड़ेंगे.
अगर आप निवेश के लिए पेटीएम गोल्ड को एक विकल्प मान रहे थे, तो बेहतर है कि आप गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड चुनें. ये आपके लिए किफायती भी होंगे और अधिक सुविधाजनक भी.
(धीरज कुमार जाने-माने जर्नलिस्ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है)
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