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राकेश झुनझुनवाला:कभी कोई पैसा नहीं लगाता था,फिर 5 साल में 1 Cr. को बनाया 200 Cr.

जब कंपनियों के फंडामेंटल्स की समझ बढ़ी तो पिताजी से कह दिया कि उनकी दिलचस्पी शेयर मार्केट में काम करने की है.

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भारत के वॉरेन बफे कह जाने वाले बिग बुल राकेश झुनझुनवाला(Rakesh Jhunjhunwala) का 62 साल की उम्र में निधन हो गया. झुनझुनवाला ने 14 अगस्त को मुंबई के बीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि झुनझुनवाला का निधन मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुआ है. झुनझनवाला की गिनती देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कामयाब इन्वेस्टर में होती थी. हाल ही में उन्होंने अकासा एयरलाइन की शुरूआत कर सस्ते हवाई सफर का वादा किया था. झुनझुनवाला अपने पीछे 46 हजार करोड़ का बिजनेस एम्पायर छोड़ गए हैं. चलिए जानते हैं कैसी की उन्होंने अपने सफर की शुरूआत?

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झुनझुनवाला को कैसे आया स्टॉक मार्केट में इंटरेस्ट?

राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई, 1960 को हैदराबाद में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनके पिता राधेश्याम झुनझुनवाला इंडियन रेवेन्यू सर्विस अफसर (आईआरएस ) थे. पिता का शेयर बाजार की तरफ शौक था. थोड़ा बहुत वो भी निवेश करते थे और हमेशा से अखबारों में शेयर बाजार की खबरों को पढ़ना बहुत पसंद करते थे.

बस फिर क्या था राकेश झुनझुनवाला भी अपने पिता की तरह हर रोज शेयर बाजार को लेकर अखबारों की हर अपडेट को पढ़ने लगे और धीरे-धीरे शेयर मार्केट के दांव-पेंच को समझने लगे. जब कंपनियों के फांडामेंटल्स की समझ बढ़ी तो पिताजी से कह दिया कि उनकी दिलचस्पी शेयर मार्केट में काम करने की है.

लेकिन पिता ने कुछ और राय दी. उन्होंने राकेश से पहले कोई और कोर्स कर लेने और शेयर मार्केट में पैसे ना लगाने की सलाह दी. राकेश ने ये सलाह मान ली और अपने बड़े भाई की तरह सीए का कोर्स किया.

आज के बिग बुल कभी उस जमाने के Bear हुआ करते थे

आखिरकार 1985 वो साल था जब झुनझुनवाला को शेयर मार्केट में कदम रखने का मौका मिला. लेकिन तब उनके पास ना कोई जॉब थी और ना ही कोई पैसे लगाने वाला. फिर अपने भाई की मदद से कुछ इंवेस्टर को उन्होंने संपर्क करना शुरू किया.

झुनझुनवाला ने उनको 18% रिटर्न देने का वादा किया और तब के समय में 10-12% से ज्यादा का रिटर्न कहीं भी नहीं था. उनकी इस स्कीम में किसी ने विश्वास नहीं दिखाया. फिर किसी व्यक्ति ने ढाई लाख का निवेश करने की इच्छा जताई, इसके बाद किसी ने 10 लाख रुपए दिए जिसे झुनझुनवाला ने महज एक साल में 30 लाख बना दिए थे जिसके बाद उनकी मानो निकल पड़ी थी.

हर्षद मेहता की वेब सीरीज स्कैम 1992 के बारे में आपने सुना होगा जिसमें उनका जिक्र भी है वो भी एक बियर कार्टेल के रूप. मार्केट जब बुल/बुलिश होता है यानी ऊपर चढ़ता है तब कई लोग पैसा बनाते हैं, लेकिन जब मार्केट गिरता है यानी बियर/बियरिश होता है तब भी कई लोग उससे पैसा बना लेते हैं. राकेश झुनझुनवाला भी ऐसे ही किसी bear cartel का हिस्सा थे.

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राकेश झुनझुनवाला ने हमेशा अपने पिता से खूब सीखा, उन्होंने ही जीवन के मूल्यों का ज्ञान दिया. राकेश एक इंटरव्यू में बताते हैं कि उनके पिता ने उन्हें बड़े फैसले लेने में मदद की. इसके अलावा झुनझुनवाला डीमार्ट के मालिक राधाकिशन दमानी से भी सलाह लेते रहे हैं.

साल 1987 में राकेश झुनझुनवाला ने रेखा झुनझुनवाला से शादी की. वो भी एक स्टॉक मार्केट निवेशक थीं. रेखा के साथ मिलकर साल 2003 में राकेश ने अपना खुद का स्टॉक ट्रेडिंग की कंपनी खोली जिसका नाम Rare Enterprises जो राकेश के 'रा' और रेखा के 'रे' से शुरू होता है.

राकेश झुनझुनवाला की 1988 में नेट वर्थ एक करोड़ रुपए थी जो 1993 में बढ़कर 200 करोड़ हो गई. 2002 में उनकी संपत्ति 250 करोड़ रुपए रही. उन्होंने बताया कि वह अपने पोर्टफोलियो का 5 प्रतिशत हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाते हैं. देखते ही देखते राकेश झुनझुनवाला की नेटवर्थ 18000 करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंच गई और आज 34,387 करोड़ रुपए के आस-पास है.

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