सायरस मिस्त्री के बयान के बाद रतन टाटा ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा टाटा के भविष्य के लिए मिस्त्री को हटाना जरुरी था. रतन टाटा ने एक खत में कहा,
टाटा ग्रुप की लीडरशिप बदलने का फैसला बिल्कुल सही था. यह थोड़ा मुश्किल था, लेकिन बहुत सोच समझकर लिया गया फैसला था. बोर्ड का भरोसा है कि टाटा ग्रुप की सफलता के लिए यह करना बहुत जरूरी था.
इससे पहले सायरस मिस्त्री ने टाटा डोकामो के मामले पर लगाए गए आरोपों को खारिज किया था. टाटा बोर्ड ने डोकोमो सौदे में की गई डीलिंग पर कई सवाल खड़े किए थे. सायरस मिस्त्री ने डोकोमो डील के बारे में कहा था कि,
मैंने डोकोमो मामले में कोई भी फैसला अपनी मर्जी से नहीं लिया था. इस मामले में रतन टाटा को हर एक पहलू की जानकारी थी. डोकोमो के सभी फैसले निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद लिए गए थे.सायरस मिस्त्री, पूर्व चैयरमेन, टाटा ग्रुप
दरअसल मिस्त्री को अक्टूबर में टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक हटा दिया गया था. नए चेयरमैन को सिलेक्ट करने के लिए बनाई गई कमेटी चार महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी. इस दौरान रतन टाटा इंट्रिम चेयरमैन रहेंगे.
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टॉपिक: रतन टाटा टाटा एंड संस सायरस मिस्त्री
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