म्यूचुअल फंड्स में लिक्विडिटी की कमी को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 27 अप्रैल को राहत भरा कदम उठाया है. RBI अहम कदम उठाते हुए म्यूचुअल फंड्स को 50 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विटिडी फैसेलिटी (SLF) मुहैया कराने का ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद भारतीय शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली है. सेंसेक्स में करीब 800 प्वाइंट की तेजी है और निफ्टी भी 200 प्वाइंट से ज्यादा चढ़ा है.
म्यूचुअल फंड्स को पिछले हफ्ते तब झटका लगा था जब बड़े फंड हाउस फ्रेंकलिन टेम्पल्टन ने लिक्विडिटी में कमी का हवाला देते हुए 6 म्यूचुअल फंड स्कीम बंद करने का ऐलान कर दिया था.
स्पेशल लिक्विटिडी फैसेलिटी सुविधा के तहत RBI बैंकों को कम दरों पर फंड मुहैया कराएगा और बैंक इस फंड का इस्तेमाल सिर्फ म्यूचुअल फंड से जुड़ी लिक्विडिटी जरूरतों को पूरा करने में कर सकेंगे. RBI ने बताया है कि म्यूचुअल फंड्स के लिए लिक्विडिटी फैसेलिटी 27 अप्रैल से 11 मई 2020 या फिर राशि के एलोकेशन अमाउंट के इस्तेमाल होने तक लागू रहेगी.
RBI का कहना है कि-
‘कोरोना वायरस के संकट की वजह से कैपिटल मार्केट में उतार-चढ़ाव में तेजी से हो रहा है और इसके चलते म्यूचुअल फंड्स पर लिक्विडिटी का संकट मंडरा रहा है. इससे कुछ कुछ कर्ज वाले म्यूचुअल फंड बंद भी करने पड़े हैं. हालांकि संकट में सिर्फ ज्यादा रिस्क वाले म्यूचुअल फंड्स हैं. इंडस्ट्री के ज्यादातर हिस्से में लिक्विडिटी पर्याप्त है.’RBI
साथ ही RBI ने कहा है कि वो बाजार की स्थिति को देखते हुए समयसीमा और अमाउंट को रिव्यू करेगा. वहीं बैंक म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, कमर्शियल पेपर्स, डिबेंचर्स, डिपॉजिट सर्टिफिकेट के आधार पर को लोन दे सकेंगे. इसके अलावा RBI फिक्स रेपो रेट पर 90 दिनों का रेपो ऑपरेशन कराएगी.
हर जरूरी कदम उठाएगा RBI
RBI ने फिर भरोसा दिलाया है कि सेंट्रल बैंक कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था को लेकर चौकन्ना है इससे निपटने के लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे
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