ADVERTISEMENTREMOVE AD

RBI फिर घटा सकता है ब्याज दर, सस्ते लोन और EMI कम होने की उम्मीद

इस बार RBI ने ब्याज दर घटाई तो बैंकों को देना होगा आम ग्राहकों को फायदा

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

आपका लोन सस्ता हो, इसकी एक और गुंजाइश बन रही है. उम्मीद की जा रही है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस साल लगातार 5वीं बार लेंडिंग रेट घटाएगा. RBI शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान  करने वाला है. कॉरपोरेट टैक्स घटने के बाद RBI की कोशिश होगी कि ब्याज दरें घटाकर फेस्टिव सीजन में इकनॉमी में डिमांड बढ़ाई जाए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
रिजर्व बैंक ने इस साल चार बार रेपो रेट घटाए हैं. जनवरी से अब तक रेपो रेट में 1.10% की कमी आई है. अगस्त में ही रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कमी की थी, जिससे ये 5.40% पर आ गया था.

आम आदमी को फायदा मिलना तय

इस बार की मॉनिटरी पॉलिसी इसलिए अहम है क्योंकि रिजर्व बैंक ने बैंकों को हिदायत दी है कि वो एक अक्टूबर से अपना ब्याज दर रेपो रेट से जोड़ें. खुद वित्त मंत्री ने भी ऐलान किया है कि कई बैंक रेपो रेट से अपना ब्याज दर जोड़ने को राजी हो गए हैं.

ऐसे में उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाएगा तो इसका सीधा फायदा आम आदमी को भी मिलेगी. यानी उसे बैंक से कम ब्याज पर लोन मिलेगा.

रेपो रेट वो रेट है जिसपर RBI बैंकों को लोन देता है. चूंकि बैकों को सस्ता लोन मिलता है इसलिए उम्मीद की जाती है कि वो अपने ग्राहकों को भी सस्ता लोन देगा. आम आदमी की EMI कम होगी.

रेपो रेट और घटने की उम्मीद क्यों?

  • रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास कह चुके हैं कि इकनॉमी को रफ्तार देने के लिए सरकारी खजाने में ज्यादा गुंजाइश नहीं है. लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि अब RBI ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए थोड़ी और राहत देगा.
  • कई चीजों पर जीएसटी रेट कम होने और कॉरपोरेट टैक्स घटने से सरकार के पास ये गुंजाइश और कम हो गई है.
  • राजस्व की आमद बजट की उम्मीदों से भी कम हुई है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि चूंकि सरकार के हाथ बंधे हैं, इसलिए मंदी से निपटने के उपाय की पहल अब रिजर्व बैंक को ही करनी पड़ेगी.
सरकार ने हाल फिलहाल इकनॉमी को ठीक करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें से ज्यादातर सप्लाई को ठीक करने के लिए हैं, लेकिन ज्यादा जरूरी है डिमांड को बढ़ाना. हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25% की कटौती करेगा ताकि सरकार का शुरू किया काम पूरा हो.
अंशुमान मैगजीन, चेयरमैन-CEO, इंडिया, साउथ ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट-अफ्रीका, CBRE
रेपो रेट कम करने के लोकल और  ग्लोबल कारण अब भी मौजूद हैं. हम उम्मीद करते हैं कि इसे घटाकर 5 से 5.25% किया जाएगा.
सुयश चौधरी, हेड (फिक्स्ड इनकम) IDFC AMC
0

RBI के पास कितनी गुंजाइश

इस मंदी के बीच सरकार के लिए RBI के लिए राहत की बात ये है कि अगस्त में महंगाई दर 3.21% रही. सरकार की तरफ से RBI को कहा गया है कि महंगाई दर 4 परसेंट के आसपास रहे. चूंकि महंगाई दर काबू में है तो इसलिए भी इंडस्ट्री को उम्मीद है कि RBI रेपो रेट घटा सकता है.

त्यौहारों के सीजन में देश के लोग जमकर खरीदारी करते हैं. ऐसे में उनके हाथ में पैसा देना नवरात्रों और दिवाली में डिमांड बढ़ा सकता है. NBFC में पैसे की किल्लत दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, तो रियल्टी सेक्टर को भी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रेट कट कर डिमांड बढ़ाने में मदद करेगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×