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RBI से करीब 57 हजार करोड़ का डिविडेंड, सरकार को थी ज्यादा की उम्मीद

पिछले साल रिकॉर्ड ट्रांसफर हुआ

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 57,000 सरप्लस केंद्र सरकार को देने का फैसला किया है. ये फैसला ऐसे समय पर आया है जब सरकार का फिस्कल डेफिसिट अप्रैल-जून के बीच रिकॉर्ड 6.62 लाख करोड़ पहुंच गया है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन में केंद्र सरकार के रेवेन्यू में भारी गिरावट आई है. ऐसे में RBI से सरप्लस मिलना सरकार के लिए राहत की खबर है.

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NDTV की रिपोर्ट बताती है कि RBI के बोर्ड ने एकाउंटिंग ईयर 2019-20 (जुलाई-जून) के लिए केंद्र सरकार को 57,128 करोड़ सरप्लस ट्रांसफर करने की मंजूरी दी है. केंद्रीय बैंक का फाइनेंशियल ईयर जुलाई से जून तक चलता है. लेकिन अगले साल से ये सरकार के फाइनेंशियल ईयर के मुताबिक ही होगा और मार्च में खत्म होगा. ये फैसला कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था पर हुए प्रभाव को कम करने के लिए लिया गया.

2020-21 के बजट में केंद्रीय बैंक और बाकी सरकारी फाइनेंशियल संस्थानों से डिविडेंड का अनुमान 60,000 करोड़ लगाया गया था. सरकार के फिस्कल डेफिसिट को भर पाने के लिए ये रकम काफी नहीं है. हालांकि, इकनॉमिस्ट्स का अनुमान यही था कि इस बार सरप्लस की राशि कम ही होगी.  

रिपोर्ट के मुताबिक, RBI के केंद्रीय बोर्ड ने कंटिंजेंसी रिस्क बफर को 5.5 फीसदी रखने का फैसला किया है. ये फैसले 14 अगस्त को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए.

पिछले साल रिकॉर्ड ट्रांसफर हुआ

पिछले साल RBI के बोर्ड ने केंद्र सरकार को रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ ट्रांसफर किए थे. इसमें 1.23 लाख करोड़ का डिविडेंड और 52,640 करोड़ का सरप्लस कैपिटल शामिल था.

RBI की आय में देसी और विदेशी सोर्स से मिली हुई इनकम शामिल है. RBI कानून के मुताबिक, इमरजेंसी और कॉपर्स फंड के बाद बैंक का जो लाभ सरप्लस रह जाता है, उसे केंद्र सरकार को ट्रांसफर करना होता है.

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