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RBI डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का इस्तीफा, 6 महीने बचा था कार्यकाल

बताया जा रहा है कि विरल आचार्य उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद से ही नाखुश थे

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है. विरल आचार्य का तय कार्यकाल अभी खत्म होने में 6 महीने का वक्त बचा था, फिर भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद वो वापस अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस जाकर पढ़ाएंगे.

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बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के मुताबिक उनसे जुड़े लोगों ने बताया कि विरल आचार्य ने पिछली मॉनेटरी पॉलिसी बैठक से पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर दी थी.

बताया जा रहा है कि विरल आचार्य उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद से ही नाखुश थे. वित्तीय व्यवस्थाओं पर उनके एकेडमिक विचारों का बाकी के सिस्टम के साथ तालमेल नहीं बैठ पा रहा था. विरल आचार्य ग्रोथ और महंगाई पर होने वाली पिछली लगातार 2 मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास से असहमत थे.

विरल आचार्य ने रिजर्व बैंक में बतौर डिप्टी गवर्नर अपना पद 23 जनवरी 2017 को संभाला था. दिलचस्प बात ये है कि ये आरबीआई के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर हैं.

14 पेज लंबा था प्रोफेसर आचार्य का सीवी

अगर प्रोफेसर आचार्य के सीवी की बात करें तो ये 14 पेज लंबा है. इसमें प्रेसिडेंट अवॉर्ड से लेकर उन सारे कीर्तिमानों का जिक्र है जो उन्होंने अपने अकादमिक करियर में हासिल किए हैं.

डिप्टी गवर्नर आचार्य इंडियन बैंकिंग सिस्टम की सफाई में यकीन रखते हैं. आचार्य इसके लिए संपत्तियों को घटाने या पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराने की तरफदारी करते हैं.

आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले प्रोफेसर विरल आचार्य को म्यूजिक में रुचि है. वे अब तक अपना एक अलबम भी निकाल चुके हैं. अलबम ‘यादों के सिलसिले’ के सारे गानों को प्रोफेसर आचार्य ने ही कंपोज किया है.

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