रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने नए गवर्नर शक्तिकांत दास को ‘धर्म का पाठ’ पढ़ाया है. उन्होंने कहा कि आरबीआई की स्वायत्तता की रक्षा करना गवर्नर का धर्म है.
रंगराजन ने कहा कि शक्तिकांत दास को अपने से पहले के गवर्नरों की तरह आरबीआई की स्वायत्तता की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि शक्तिकांत दास पहले नौकरशाह नहीं हैं, जिन्हें आरबीआई का गवर्नर बनाया गया है.
रंगराजन ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डिवेलपमेंट रिसर्च (आईजीआईडीआर) में आयोजित एक कार्यक्रम से अलग बातचीत में कहा:
कई नौकरशाहों को आरबीआई भेजा गया है. यह पहली बार नहीं. एक बार जब वे नई जिम्मेदारी संभालते हैं, तो उन्हें आरबीआई की स्वायत्तता की रक्षा करनी होती है. यह धर्म है, जिसके बारे में डी सुब्बाराव समेत कई गर्वनर पहले बता चुके हैं.सी रंगराजन
केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि शक्तिकांत दास आरबीआई की स्वायत्तता के साथ किसी भी तरह का समझौता किए बिना सरकार और रिजर्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सक्षम होंगे.'' उन्होंने कहा कि दास को उन सभी मुद्दों पर सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जिन पर दोनों (आरबीआई और सरकार) के बीच मतभेद हैं.
GDP में हालिया बदलाव पर ये बोले रंगराजन
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना में हालिया बदलाव पर रंगराजन ने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) को इस बारे में कुछ जानकारियां सार्वजनिक करने की जरूरत है. वह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहाकार परिषद के प्रमुख भी रह चुके हैं.
रंगराजन ने कहा, "सीएसओ एक प्रतिष्ठित संगठन है और उसे इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि वास्तव में किस सिस्टम को अपनाकर पुराने जीडीपी आंकड़ों को संशोधित किया गया है."
पूर्व गवर्नर ने कहा कि जिन पद्धतियों का इस्तेमाल किया गया है, उन्हें लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.
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