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RBI ने जारी की देश के तीन सबसे जरूरी बैंकों की लिस्ट, क्या इसमें आपका खाता है?

भारत में ऐसे कौन से तीन बैंक हैं जिन्हें सरकार कभी गिरने नहीं देना चाहती.

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अगर आप ये जानना चाहते हैं कि, भारत (India) में कौन से बैंक हैं जो सबसे ज्यादा सुरक्षित, मजबूत और भरोसेमंद हैं तो ये वीडियो पूरा देखें. RBI हर साल ऐसे बैंकों की लिस्ट जारी करता है और इन बैंक्स को DSIB बुलाया जाता है. DSIB मतलब डॉमेस्टिक सिस्टमेटिकली इंपोर्टेंट बैंक. DSIB वो बैंक्स होते हैं जिन्हें सरकार कभी डूबने नहीं देना चाहती. ये बैंक्स इतने जरूरी हैं कि अगर इनके हालात खराब हुए तो मानिए कि भारत की अर्थव्यवस्था में खलबली मच जाएगी. मैं बढ़ा चढ़ाकर नहीं बता रहा. लेकिन आरबीआई का यही मानना है कि अगर DSIB की लिस्ट में शामिल बैंक में किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो इकॉनमी के स्तर पर पैनिक फैल सकता है. साल 2022 के लिए आरबीआई ने ऐसे तीन बैंक्स की लिस्ट जारी है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और दो प्राइवेट बैंक ICICI बैंक और एचडीएफसी बैंक का नाम शामिल है. ये वहीं बैंक्स हैं जिन्हें बचाने के लिए सरकार हमेशा आगे रहेगी.

लेकिन ऐसे बड़े और जरूरी बैंकों की लिस्ट जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी? जवाब है साल 2008. जब भारत समेत पूरी दुनिया में मंदी आ गई थी. शेयर बाजार तहस नहस हो गए थे, लेकिन इसके साथ ही भारत को एक और झटका लगा था. उस मंदी को हमारे देश के बैंक्स भी नहीं झेल पाए थे. और जब ये वित्तीय संस्थान डूबने लगे, तबाह होने लगे तो भारत का नुकसान दोगुना हो गया. आर्थिक मौर्चे पर सब बिखर गया. तभी सरकार ने तय किया कि ऐसी स्थिति में कुछ चुनिंदा बैंकों को बचाने की जरूरत है ताकि इकॉनमिक क्राइसिस ना पैदा हो.

फिर 2014 में जाकर सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की और 2015 से जरूरी बैंकों की लिस्ट जारी करने की शुरुआत हुई. 2015 और 2016 में केवल एसबीआई और ICICI बैंक का ही इस लिस्ट में नाम था फिर 2017 में इसमें एचडीएफसी का नाम जोड़ा गया और 2022 तक इन्हीं तीन बैंकों का नाम चुना जा रहा है.

ये वो बैंक्स होते हैं जिनकी एसेट्स/संपत्ति भारत की जीडीपी के 2% से ज्यादा होती है. इन को भी 5 लेवल या पांच बकेट में कैटेगराइज किया जाता है. पहले बकेट में नाम मतलब कम जरूरी और पांचवें में हो तो बेहद जरूरी है. इन बैंकों को भी कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. ये सारा पैसा लोन देने में या बाकी चाजों के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते. इन्हें अपने रिस्क वेटेड एसेट्स का एडिशनल कॉमन इक्विटी टीयर 1 मेनटेन करना होता है. अब क्योंकि एसबीआई बकेट 3 में हैं तो उसे 0.60% और ICICI और HDFC बैंक को 0.20% मेनटेन करना होता है जो बकेट 1 में हैं.

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