भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. RBI ने बताया कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 6 (2) और धारा 8 के प्रावधानों के उल्लंघन के चलते एचडीएफसी बैंक पर यह जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह कार्रवाई रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता से संबंधित नहीं है.
क्यों लगा HDFC पर जुर्माना?
रिजर्व बैंक ने बयान जारी करते हुए कहा कि बैंक के ऑटो लोन पोर्टफोलियो के संबंध में कई व्हिसलब्लोअर से शिकायत पाई गई और इसकी जांच की गई तो कई गड़बड़ियां पाई गईं. इस संबंध में पहले बैंक को नोटिस जारी कर यह सलाह दी गई थी कि वह कारण बताए कि क्यों न एक्ट के प्रावधानों/निदेर्शों के उल्लंघन के लिए उस पर जुर्माना ठोंका जाए.
कारण बताओ नोटिस के बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रिजेंटेशन और बैंक द्वारा पेश किए गए आगे के स्पष्टीकरणों और दस्तावेजों की जांच के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि एक्ट के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप सही है और बैंक पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए. इसके बाद बैंक पर 28 मई 10 करोड़ रुपए मॉनिटरी पेनाल्टी लगाई गई
बता दें कि इससे पहले दिसंबर में, आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिया और किसी भी नई डिजिटल पहल को शुरू करने से भी रोक दिया था.
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