आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्रीय बैंक ने 4 प्रतिशत रेपो रेट को जारी रखा है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया है कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा. एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25 प्रतिशत रहेगा. रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35 प्रतिशत रहेगा. कमेटी ने फैसला किया है कि जब तक कोरोना का असर खत्म नहीं होता तब तक अकोमडेटिव नजरिया ही बरकरार रखा जाएगा.
2021-22 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 9.5% रहेगी, यह पहली तिमाही में 18.5%, दूसरी तिमाही में 7.9%, तीसरी तिमाही में 7.2% और चौथी तिमाही में 6.6% रहेगीभारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान अपनी प्रमुख अल्पकालिक उधार दरों के साथ-साथ विकास पर जोर देते हुए दरों में समायोजन रुख को बरकरार रखा है. केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी बैठक में वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो दर, या अल्पकालिक उधार दर को 4 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया.
इसी तरह, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और 'बैंक दर' को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया. यह माना जा रहा था कि एमपीसी दरें और समायोजनात्मक रुख बनाए रखेगी. अब तक, भारत कोविड संक्रमणों में बड़े पैमाने पर स्पाइक से पीड़ित है. नतीजतन, स्थिति ने राज्य सरकारों को स्थानीय लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों को लागू करने के लिए मजबूर कर दिया है, जिससे आर्थिक गतिविधि धीमी हो गई है.
इस प्रवृत्ति ने आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है, इसी को देखते हुए आरबीआई ने भारत के वित्त वर्ष 2022 के विकास अनुमान को 10.5 प्रतिशत से संशोधित कर 9.5 प्रतिशत कर दिया, इसके अलावा, उन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रक्रिया से आर्थिक गतिविधियों को सामान्य करने में मदद मिलनी चाहिए, इसके अलावा, आरबीआई ने सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति के लिए खुदरा मुद्रास्फीति दर 5.2 प्रतिशत आंकी है.
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