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RBI क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान, रिजर्व बैंक ने 0.50% बढ़ाया रेपो रेट, महंगा हुआ लोन

RBI के ब्‍याज दरें बढ़ाने से बैंकों के तमाम लोन महंगे हो जाएंगे.

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RBI Monetary Policy August 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक खत्म हो गई है. बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने पॉलिसी का ऐलान किया. रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट में इजाफा किया है. रिजर्व बैंक (RBI) ने अब रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ा दिया है. जिसके बाद रेपो रेट 4.90 प्रतिशत से बढ़कर 5.4 फीसदी हो गया है.

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RBI के ब्‍याज दरें बढ़ाने के इस फैसले से बैंकों के तमाम लोन महंगे हो जाएंगे. इस फैसले का असर होम लोन (Home Loan) से लेकर कार और पर्सनल होन (Personal Loan) की EMI पर पड़ेगा.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था उच्च मुद्रास्फीति (High Inflation) से जूझ रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित हुई है. हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रहे हैं. हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 3 अगस्त तक 13.3 अरब अमेरिकी डॉलर के बड़े पोर्टफोलियो का प्रवाह देखा है."

शक्तिकांत दास ने आगे कहा,

"2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास अनुमान 7.2% पर Q1- 16.2%, Q2- 6.2%, Q3 -4.1% और Q4- 4% व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ बनाए रखा गया है. Q1 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.7% अनुमानित है."

क्या होता है रिवर्स रेपो रेट?

जिस रेट पर बैंकों (Banks) को उनकी ओर से आरबीआई (RBI) में जमा धन पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. बैंकों के पास जो अतिरिक्त नकदी होती है, उसे रिजर्व बैंक के पास जमा करा दिया जाता है. इस पर बैंकों को ब्याज भी मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी को नियंत्रित (Cash Management) करने में काम आता है.

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