रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नए वित्त वर्ष 2022-23 की पहली बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) रिव्यू मीटिंग के नतीजों का ऐलान करते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है और ये 4% पर बरकरार रखा जाएगा. यह लगातार 11वीं बैठक है जिसमें RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.
हालांकि रिवर्स रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा किया गया है, मतलब रिवर्स रेपो रेट बढ़कर 3.75 फीसदी हो गया है.
मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में RBI ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) कॉरिडोर को बढ़ाकर 50 bps यानी 0.50% करने का फैसला किया है. अब यह कोरोनावायरस संक्रमण के पहले के लेवल पर पहुंच गया है. साथ ही MSF रेट (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटीज) पहले की तरह 4.25% पर बरकरार है.
शक्तिकांत दास ने कहा,
"मैं 3 अलग-अलग पहलुओं पर जोर दे रहा हूं जो हमें एक ऐसी स्थिति में रखता है जो हमें विलय के संकट और चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाएगा. पहला, बाहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार. दूसरा, विदेशी मुद्रा भंडार जो बहुत ही आरामदायक स्तरों पर है. तीसरा, वित्तीय क्षेत्र की पर्याप्त मजबूती."शक्तिकांत दास
वहीं तेल की बढ़ती कीमतों के बीच आरबीआई गवर्नर ने कच्चे तेल का अनुमान 100 डॉलर प्रति बैरल और इस वित्त वर्ष में महंगाई का औसत अनुमान 5.7 फीसदी रखने की बात कही है.
रिजर्व बैंक ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.2% रहने का अनुमान जताया है. RBI के गवर्नर पहले RBI ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. आरबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1) में ग्रोथ अनुमान 16.2 फीसदी, दूसरी तिमाही (Q2) में 6.2 फीसदी और तीसरी तिमाही (Q3) में 4.1 फीसदी, जबकि चौथी तिमाही (Q4) में चार फीसदी रखा गया है.
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