रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (RPL) के शेयर कारोबार में कथित गड़बड़ी को लेकर शेयर बाजार के रेगुलेटर SEBI ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और मुकेश अंबानी पर जुर्माना लगाया है. सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने मुकेश अंबानी पर 15 करोड़ रुपए और रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है. वहीं इनके अलावा दो और कंपनियों पर भी फाइन लगा है.
दरअसल, रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों की ट्रेडिंग से जुड़े एक केस में सेबी ने ये फाइन लगाया है.
रिलायंस पेट्रोलियम केस को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 25 करोड़ रुपये, मुकेश अंबानी को 15 करोड़, मुंबई सेज प्राइवेट लिमिटेड पर 20 करोड़ और मुंबई सेज लिमिटेड पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है.
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला साल 2007 का है, जब रिलायंस पेट्रोलियम अलग लिस्टेड कंपनी थी. मार्च 2007 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिलायंस पेट्रोलियम के 4.1% शेयर बेचने की बात कही. जिसके बाद कंपनी के शेयर भाव गिरने लगे. फिर नवंबर 2007 में रिलायंस पेट्रोलियम के शेयर खरीदे-बेचे गए. लेकिन 2009 में रिलायंस पेट्रोलियम का रिलायंस इंडस्ट्रीज में विलय कर दिया गया था. सेबी ने जांच में पाया कि शेयरों की कीमत पर असर डालने के लिए यह खरीद-बिक्री गलत तरीके से की गई थी.
मामले की सुनवाई करने वाले सेबी अधिकारी बी जे दिलीप ने अपने 95 पन्ने के अपने आदेश में कहा कि शेयरों की कीमत में किसी भी तरह की गड़बड़ी हमेशा बाजार में निवेशकों के विश्वास को नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में बाजार पर असर पड़ता है. सेबी ने कहा, इस मामले में आम इन्वेस्टर को यह नहीं मालूम था कि शेयरों की इस खरीद-बिक्री के पीछे रिलायंस इंडस्ट्रीज थी. यह खरीद-बिक्री गलत तरीके से की गई, जिसका असर रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों पर हुआ. इससे आम निवेशक नुकसान में रहे.
बता दें कि सेबी ने साल 2017 में ही रिलायंस इंड्स्ट्रीज और 12 प्रमोटर्स को 447 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था और इनके शेयर ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद कंपनी ने इसके खिलाफ सिक्युरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की थी. लेकिन ट्रिब्यूनल ने सेबी के फैसले को सही ठहराते हुए कंपनी की अपील खारिज कर दी थी. ट्रिब्यूनल ने 2020 में ये फैसला सुनाया था. तब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ट्रिब्यूनल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी.
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