आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने इस बार रेपो रेट कट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में ये फैसला हुआ. रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार है.
यह लगातार तीसरी बार है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को जस का तस छोड़ा है.
ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
रेपो रेट 4% पर बरकरार
महंगाई दर में तेजी जारी रहने की संभावना- RBI गवर्नर
बता दें कि पिछली मौद्रिक समीक्षा के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की थी. रेपो रेट 4 फीसदी पर जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 2 दिसंबर से शुरू हुई थी और कमेटी ने आज अपना फैसला सुना दिया है.
RBI पहले ही फरवरी से लेकर अब तक रेपो रेट में 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है. इससे पहले RBI ने पिछले साल रेपो रेट में 1.35 फीसदी की कटौती की थी.
इस साल की बात करें तो रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस को देखते हुए दो बार ब्याज दरों में कटौती की है.
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट कोआसान भाषा में समझने के लिए कह सकते हैं कि बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है. ठीक इसी तरह बैंकों को भी अपने लोन देने के इस काम के लिए भारी-भरकम राशि की जरूरत होती है और इसके लिए वे भारतीय रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं. बैंकों द्वारा लिए जाने वाले इस लोन पर RBI जिस दर से ब्याज वसूलता है, उसे रेपो रेट कहते हैं.