विदेशी विनिमय बाजार में गुरुवार को रुपया 30 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ अपने रेकॉर्ड निचले स्तर 68.86 प्रति डॉलर पर आ गया.
इससे पहले, दिन के शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटकर 68.84 पर आ गया था.
यह पिछले 39 महीनों का सबसे निचला स्तर है. इससे पहले 28 अगस्त, 2013 को रुपये ने 68.80 के निचले स्तर को छुआ था.
वहीं बुधवार को भी घरेलू मुद्रा दिन के समय में अपने सबसे निचले स्तर 68.85 पर पहुंच गई थी.
इसके पीछे मुख्य वजह विदेशी फंड की लगातार निकासी बताई जा रही है.
नुकसान की वजह
मुद्रा कारोबारियों ने इसकी कुछ वजहें गिनाई हैं:
- निर्यातकों की ओर से महीने के अंत में डॉलर की मजबूत मांग
- विदेशी फंड की लगातार निकासी
- अमेरिका के केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दरों में बढोतरी की संभावना
- घरेलू शेयर बाजारों की धीमी शुरुआत से भी रुपया कमजोर हुआ है.
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सुधार के उपाय किए जाने की संभावना के बीच निवेशकों में डॉलर का आकर्षण बढ़ रहा है. नोटबंदी की वजह से भी निवेशक सतर्क बने हुए हैं.
इसके अलावा इस समय डॉलर ज्यादातर विदेशी बाजार में अन्य मुद्राओं की तुलना में ऊपर चल रहा है.
(भाषा इनपुट के साथ)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)