सेबी ने एक ऐसा ऑनलाइन सिस्टम बनाया है, जिससे वह शेयर ब्रोकरों की ओर से क्लाइंट्स की सिक्योरिटीज का गलत इस्तेमाल होने के मामले का समय से पता लगाएगा. इसके अलावा यह निवेशकों के फंड को डायवर्ट करने की स्थिति में एक्सचेंज को अलर्ट भी भेजेगा.
क्लाइंट्स के शेयरों का दुरुपयोग कर रहे थे कुछ ब्रोकर्स
सेबी ने हाल ही में जांच में पाया था कि कुछ ब्रोकर्स अपने क्लाइंट्स के शेयरों का दुरुपयोग कर रहे हैं. इसका इस्तेमाल वह अपने कर्जे को चुकाने में कर रहे हैं.वे दूसरे क्लाइंट्स के सेटलमेंट को पूरा करने के लिए भी इसे गारंटी की तरह भुना रहे हैं.
कुछ ब्रोकर्स ने बैंकों और गैर बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) के पास क्लाइंट के शेयरों को गिरवी की तरह रख दिया था ताकि अपने लिए फंड जुटा सकें.
सेबी ने डेवलप किया इन-हाउस ऑनलाइन सिस्टम
सेबी ने अब एक इन-हाउस ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया है. इस सिस्टम के जरिये वह क्लाइंट के स्तर पर ब्रोकर के पास रजिस्टर सिक्योरिटी होल्डिंग की जानकारी रख सकेगी. ब्रोकर हर हफ्ते एक्सचेंज को एक रिपोर्ट भेजते हैं, जिसमें वे अपने पास मौजूद क्लाइंट के शेयरों की जानकारी देते हैं.
नए सिस्टम के तहत सेबी अब इस रिपोर्ट से क्लाइंट्स के शेयरों से जुड़ी जानकारी को जुटाएगी और उसे क्लाइंट के डीमैट में हुए ट्रांजेक्शन से मिलान करेगी. इसके लिए सेबी अपने डेटा वेयरहाउस और बिजनस इंटेलिजेंस सिस्टम और क्लीयरिंग कॉरपोरेशन से मुहैया कराए जाने वाले आंकड़ों का मदद लेगा.
सिक्योरिटीज के मिलान से जुड़ी इन रिपोर्ट्स को हर हफ्ते तैयार किया जाएगा. इस तरह की तीन रिपोर्ट को पहले ही तैयार हो चुकी हैं और इन्हें एक्सचेंज के पास मिलान के लिए भेज दिया गया है. सेबी ने बताया, 'इस सिस्टम से क्लाइंट की सिक्योरिटी का दुरुपयोग होने पर तुरंत पता चलने की उम्मीद है.'
सेबी ने बताया कि उसने ब्रोकर की ओर से क्लाइंट की सिक्यॉरिटीज का दुरुपयोग रोकने के लिए पिछले कुछ समय में कई उपाय किए हैं. इसमें क्लाइंट के फंड और सिक्योरिटी के डायवर्जन का पता लगाने के एक वॉर्निंग सिस्टम को तैयार करना और ब्रोकर के सिक्योरिटी गिरवी रखने पर रोक लगाना जैसे उपाय शामिल हैं.
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