फास्टफूड चेन चलाने वाली कंपनी मैकडोनाल्ड्स ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में मंगलवार को कहा कि उसके उत्तरी और पूर्वी भारत के ज्वॉइंट वेंचर पार्टनर विक्रम बख्शी के साथ विवाद सुलझाना संभव नहीं है.
एनसीएलएटी ने इसके बाद दोनों पक्षों को आदेश दिया कि वे एक-दूसरे के खिलाफ दायर याचिका का जवाब एक हफ्ते के भीतर दें. ट्रिब्यूनल ने पिछले हफ्ते दोनों पक्षों से कहा था कि वे आपस में बातचीत कर 30 अगस्त तक विवाद को सुलझाने की कोशिश करें.
ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान मैकडोनाल्ड्स के वकील ने कहा कि बख्शी के साथ विवाद सुलझाना संभव नहीं है. इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी.
ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय ने कहा:
हमारे पास सौहार्दपूर्ण हल की कोई उम्मीद नहीं है.
मैकडोनाल्ड्स ने 21 अगस्त को कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड (सीपीआरएल) से करार रद्द करने के बाद अपने 169 आउटलेट बंद करने का फैसला किया था. सीपीआरएल मैकडोनाल्ड्स और बख्शी का ज्वॉइंट वेंचर है.
क्या है पूरा विवाद?
विक्रम बख्शी की अगुवाई वाली सीपीआरएल और मैकडोनाल्ड्स इंडिया के बीच 2013 से विवाद चल रहा था. 2013 में मैकडोनाल्ड ने विक्रम बख्शी को सीपीआरएल के एमडी पद से हटा दिया था, जिसके खिलाफ बख्शी ने कंपनी लॉ बोर्ड में याचिका दायर की थी.
इसके बाद बख्शी इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट लेकर चले गए थे. सीपीआरएल में विक्रम बख्शी और मैकडोनाल्ड्स के बीच 50-50 की पार्टनरशिप थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)