शेयर बाजार (Share Market) एक बार फिर गिरावट देख रहा है. बीएसई का सेंसेक्स 906 अंक या 1.23% गिरकर 72,761 पर आ गया है, वहीं एनएसई का निफ्टी 50 भी 338 अंक या 1.51% गिरकर 21,997 पर आ गया है. शेयर बाजार में इस गिरावट की वजह स्मॉल कैप-मिड कैप शेयरों में तेजी के 'बबल' को लेकर है, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इसको लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कर दी हैं.
शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 12.67 लाख करोड़ रुपये घटकर 372 लाख करोड़ रुपये हो गया है यानी निवेशकों ने करीब 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाया है. वहीं अगर 7 मार्च से आंकड़ों को ट्रेस करें तो 7 मार्च से 13 मार्च तक के निवेशकों को करीब 21 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के पीछे ग्लोबल मार्केट फैक्टर भी शामिल हैं, ग्लोबल मार्केट ने भी गिरावट देखी. साथ ही अमेरिका अपने महंगाई के आंकड़े जारी करने वाला है. इस फैक्टर ने भी मार्केट पर दबाव बनाए रखा. कई बड़े स्टॉक्स में सेलिंग प्रेशर देखने को मिला जैसे टाटा, एसबीआई, रिलायंस, एचडीएफसी, इंफोसिस और आईसीआईसीआई.
लेकिन बड़ा कारण रहा - सेबी की चिंता.
सेबी ने क्या चिंता जताई?
हाल ही में सेबी (Security Exchange Board Of India) की प्रमुख माधबी पुरी ने मिडकैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स को लेकर गंभीर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि सेबी इनपर पैनी नजर रख रही है. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में हेराफेरी और गड़बड़ी के संकेत मिले हैं. यहां तक की सेबी प्रमुख ने निवेशकों को सतर्क रहने को भी कहा है. सेबी के इसी बयान के बाद बाजार में उथल-पुथल देखने को मिली हैं.
सेबी प्रमुख ने अपनी चिंता के लिए फ्रॉथ यानी झाग शब्द का इस्तेमाल किया है. इसका मतलब है कि जैसे, कॉफी के कप के ऊपर जमने वाला झाग होता है - जब आप कॉपी पीने जाते हैं तो आपके मुंह में कॉफी नहीं वो झाग आता है. इसी तरह मिडकैप और स्मॉलकैप बाजार में भी झाग ही है. कंपनियां का वैल्यूएशन हद से ज्यादा है. सेबी का मानना है यहीं गड़बड़ियां हैं.
हालांकि इस गिरते शेयर बाजार में नए निवेशक सस्ते दामों में शेयर्स खरीद सकते हैं. निवेशक चाहे तो वे लार्ज कैप फंड में थोड़ा-थोड़ा निवेश कर सकते हैं.
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