क्या आपको भी शेयर मार्केट (Share Market) जुए (Gambling) की तरह लगता है? लेकिन ऐसा नहीं है. शेयर मार्केट से जुड़े ऐसे कई मिथक (Stock Market Myths) हैं जो शायद आपके नुकसान की वजह बन रहे होंगे. आपको पांच ऐसे मिथकों के बारे में बताते हैं जिन्हें आपको तोड़ना चाहिए.
पहला- शेयर मार्केट जुआ है
जुआ अलग चीज है. जुए में जीत हार की 50-50 चांस होती है और इस प्रोबेबिलिटी को आप नहीं बदल सकते. लेकिन शेयर मार्केट में स्ट्रेटेजी के साथ की गई इंवेस्टमेंट गेम ऑफ चांस नहीं होता. ये रिस्क और रिवॉर्ड पर बेस्ड है. शेयर मार्केट में नॉलेज और स्किल मुनाफा बना सकता है. इंवेस्टर मार्केट ट्रेंड, पैटर्न्स, कंपनी फंडामेंटल्स जैसे बैलेंस शीट, प्रोफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट जैसी चीजों का एनालिसिस करे तो शेयर मार्केट में अपने मुनाफे और नुकसान को कंट्रोल कर सकता है. दिमाग और आंखों पर पर्दा डालकर इंवेस्ट करने वालों के लिए शेयर मार्केट जुआ ही है.
दूसरा- कॉपी केट इंवेस्टमेंट या क्लोनिंग
अगर आप सोचते हैं कि किसी का भी इंवेस्टमेंट प्लान देख कर इंवेस्ट कर देंगे तो आप भारी भूल कर रहे हैं. गूगल पर आजकल ये भी पता चल जाता है कि दिवंगत राकेश झुनझुनवाला का इंवेस्टमेंट प्लान क्या है. आईडिया बहुत बुरा है. बड़े बिजनेस मैन का विजन अगल है, उनके निवेश का उद्देश्य अलग है, उनके पास निवेश करने वाली पूंजी आपके पैसे से कई गुना ज्यादा है. अगर आप उन्हें कॉपी करते हैं तो आपकी जरूरत के हिसाब से इंवेस्ट नहीं होगा और वैसे रिटर्न्स नहीं मिलेंगे. मान लीजिए कोई अनुभवी रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहा है और आप 25 की उम्र में सोच रहे हैं कि अनुभवी है तो इनका प्लान कॉपी किया जाए...अब अनुभवी साहब शेयर मार्केट से पैसा निकाल कर पीपीएफ में डाल रहे हैं तो क्या आप भी यही करेंगे? खुद से पूछिए. पता चल जाएगा कि आप खुद का नुकसान करवा रहे हैं. कॉपी करना ही है तो आईडियाज, फिलॉसफी को कॉपी करें. प्लान को नहीं.
तीसरा- खुद से इंवेस्ट करना मतलब घंटों समय खपाना
पहले ऐसा जरूर था कि इंवेस्ट करना आसान नहीं था. जानकारियां जुटाने में पसीना छूट जाता था. लेकिन अब तो सबकुछ एक क्लिक पर है. आपको न्यूजपेपर तक नहीं उठाना पड़ता. कंपनियों की वेबसाइट पर कई रेलेवेंट जानाकारियां आसानी से मिल जाती हैं और फिर कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो इंवेस्टमेंट को लकेर सलाह देती है, जिसमें आपको कंपनी की एन्यूल रिपोर्ट आसानी से मिल जाती है, हर लिस्टेड कंपनी के पिछले कई सालों के रिकॉर्ड्स होते हैं, ग्राफ्स से आपके लिए बड़े बड़े फिगर्स को आसान बना दिया जाता है. यहां तक कि ये वेबसाइट्स स्टॉक्स को स्टडी करती हैं और कंपनी की ग्रोथ भी प्रेडिक्ट करती है. ध्यान रहे अगर कोई शेयर मार्केट को लेकर भविष्यवाणी करने का दावा करता है तो वह 100 फीसदी फर्जी है.
चौथा- शेयर मार्केट में अमीर लोग ही निवेश करते हैं
आप ये भी बोल सकते हैं कि जिसके पास खूब पैसा है वो ही निवेश कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं है. शेयर मार्केट में आप कम पैसा निवेश कर 5-6 साल तक होल्ड करते हैं तो रिटर्न अच्छा मिल सकता है. अब दिग्गज इंवेस्टर वारन बुफे को देख लीजिए विशाल संपत्ति के इस मालिक ने कुछ डॉलर्स के साथ निवेश शुरू किया था. और आजकल शेयर मार्केट में एंट्री लेने का आसान जरिया एसआईपी भी है जिसमें मिनिमम 100 रुपये से लाखों रुपयों तक इंवेस्ट किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म तक होल्ड करने की हैबिट बनाएं तो फायदे में रहेंगे. रातों रात शेयर मार्केट से कोई अमीर नहीं बन जाता...ये भी अपने आप में एक मिथक ही है.
पांचवां- स्टॉक्स की कीमत गिरते ही उसे खरीद लो और फिर कीमत बढ़ते ही बेच दो
शेयर मार्केट में आमतौर आप ऐसा करते हैं लेकिन उसका उद्देश्य अलग होता है. अगर आप 500 रुपये के स्टॉक को 50 रुपये तक गिरने पर खरीदते हैं और सोचते हैं कि वो वापस 500 के पार जाएगा तो ये गलत है. वो कहते हैं न कि गिरते हुए चाकू को पकड़ने की कोशिश करने वालों को ही चोट लगती है. वैसे ही कंपनी के फंडामेंटल्स देखें, जो स्टॉक साल भर में 50 से 70 हुआ है और लगातार बढ़ रहा है. ऐसी जगह ही निवेश करें.
सलाह- अगर आप ये मानते हैं कि अनुभव के बाद ही आप शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं तो ये गलत है. अगर आप ने कमाना शुरू कर दिया है या आप 18 साल के हैं और पॉकेट मनी से बचत कर लेते हैं तो भी आप निवेश कर सकते हैं. यंग एज में निवेश करना हेल्दी है. आप आने वाले समय में अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं. अगर मार्केट की कम समझ रखते हैं तो एसआईपी से शुरू करें या किसी एडवाइजर की मदद से निवेश करें. क्योंकि इसके लिए आपको अमीर होने की जरूरत नहीं है.
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