ADVERTISEMENTREMOVE AD

Share Market: निवेशकों ने गंवाए 2 लाख करोड़, Sensex में भारी गिरावट- 5 बड़े कारण

बीएसई सेंसेक्स 1100 अंकों की गिरावट देखी गई, निफ्टी गिरावट के साथ 22,348.05 के लेवल तक नीचे आ गया.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारतीय शेयर बाजार (Share Market) के लिए 3 मई का दिन भारी रहा. हालांकि बाजार की शुरुआत काफी अच्छी थी, रिकॉर्ड स्तर पर सेंसेक्स-निफ्टी में तेजी थी लेकिन फिर बड़ी गिरावट दर्ज हुई और आखिर में बाजार लाल निशान के साथ बाजार बंद हुआ. बीएसई का सेंसेक्स (BSE Sensex) 0.98% या 732 अंकों की गिरावट के साथ 73,878 पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी (Nifty 50) 0.76% या 172 अंकों की गिरावट के साथ 22,475 पर बंद हुआ. आइए जानते हैं इस गिरावट के पीछे क्या कारण रहे?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 2.53 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई है जिसका नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ा है. दोपहर के समय सेंसेक्स 75000 से फिसलकर 73000 की रेंज में आ गया जबकि निफ्टी भी 22,700 के करीब कारोबार कर रहा था. 1 बजकर 30 मिनट के करीब बीएसई सेंसेक्स 1100 अंकों की गिरावट के साथ 73,485.01 के लेवल तक आ गया. वहीं, एनएसई निफ्टी गिरावट के साथ 22,348.05 के लेवल तक नीचे आ गया.

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे अधिकतर बड़े स्टॉक्स में बिकवाली का दबाव देखने को मिला, जिसका असर पूरे बाजार पर भी लाल निशान के साथ दिखा है. इसी बीच बीएसई-लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी 4.25 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई.

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर करीब 3% तक टूटे. HDFC बैंक के शेयर भी 1% से ज्यादा गिरे. भारती एयरटेल का स्टॉक 3% से ज्यादा गिरा. नेस्ले इंडिया और मारुति के शेयर में 2.30% की गिरावट दर्ज हुई. आईटी शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली.

  • मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले कई दिनों से स्टॉक्स की वैल्यू उच्चतम स्तर पर बनी हुई थी इसलिए कई लोगों ने मुनाफावसूली (प्रॉफिट बुकिंग) की है. एक्सपर्ट इसे चिंता के रूप में नहीं देख रहे. उनका मानना है मुनाफावसूली की वजह बाजार में गिरावट है.

  • वहीं अमेरिका में महंगाई का खतरा कम नहीं हुआ है, अमेरिकी फेड ने ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है. एक्सपर्ट्स ने माना कि ये भी एक वजह है जिसका असर खासकर बैंकिंग स्टॉक्स पर देखने को मिला है. एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार में लंबे समय से एक करेक्शन (गिरावट) होना ही था.

  • इंडिया VIX वॉलेटिलिटी इंडेक्स, बाजार की वॉलिटिलिटी का एक पैमाना है. यह 12% से अधिक बढ़कर 15.12 हो गया, जिसका असर बाजार के सेंटीमेंट्स पर देखने को मिला है. चौथी तिमाही के नतीजे, चुनावी मौसम और यूएस फेड मीटींगकी वजह से VIX बढ़ा है.

एशियाई बाजारों का भी बुरा हाल

कई प्रमुख एशियाई बाजारों भी गिरावट देखने को मिली. जापानी निक्केई 37 अंक या 0.10% की गिरावट के साथ 38,236 पर था. चीन का शंघाई कंपोजिट लाल निशान के साथ 0.26% की गिरावट के बाज 3,104.82 पर कारोबार कर रहा था. दक्षिण कोरिया का कोस्पी भी 0.30% गिरा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×