ADVERTISEMENTREMOVE AD

चेक बाउंस होने पर जेल नहीं सिर्फ जुर्माना, सरकार कर रही विचार

ब इन अपराधों पर सिर्फ आर्थिक दंड लगाया जा सकेगा, इसके लिए जेल नहीं जाना होगा.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सरकार कई सारे आर्थिक क्षेत्र के अपराधों से जुड़े कानूनों को बदलने पर विचार कर रही है. इन बदलावों के बाद चैक बाउंस करने जैसे अपराध अब क्रिमिनल ऑफेंस नहीं रह जाएंगे, ये सिविल ऑफेंस माने जाएंगे. सरकार ये कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और कोर्ट के कामकाज को हल्का करने के लिए उठा रही है. अब इन अपराधों पर सिर्फ आर्थिक दंड लगाया जा सकेगा, इसके लिए जेल नहीं जाना होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
डिपार्टेमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने 19 कानूनों के 39 सेक्शंस को गैर-आपराधिक बनाने के लिए जनता से राय मांगी है. इन एक्ट में बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, द इंश्योरेंस एक्ट वगैरह शामिल हैं. सभी स्टेकहोल्डर्स को कहा गया है कि वो अपने विचार 23 जून तक दे दें.

इकनॉमिक टाइम्स की खबर के के मुताबिक डिपार्टेमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) ने अपने बयान में लिखा है कि- “भूल चूक के लिए आपराधिक सजा देना और कंप्लायंस की छोटी-छोटी बातों से कारोबारियों पर बोझ बढ़ता है. इसलिए जरूरी है कि इन कानूनों को पीछे मुड़कर देखा जाए. जो एक चली आ रही प्रक्रिया का हिस्सा हैं. वहीं इनसे राष्ट्रीय सुरक्षा और बड़े स्तर पर लोगों का हित नहीं जुड़ा होता है.”

अभी फिलहाल चैक बाउंस होने पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत किसी को 2 साल तक की जेल हो सकती है या फिर चैक की वैल्यू से दोगुनी कीमत तक का दंड, या फिर दोनों लगाए जा सकते हैं. वहीं इस कानून के अलावा भी कई कानूनों में इसी तरह के बदलाव किए जाने पर लोगों की राय मांगी गई है.

सरकार का मानना है कि न्यायिक प्रक्रिया काफी पूरी होने में वक्त लगता है और काफी अनिश्चितता होती है. इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर बुरा असर पड़ता है. छोटे-छोटे अपराधों के लिए आपराधिक दंड देने से बिजनेस सेंटीमेंट पर असर पड़ता है. ये कानून घरेलू और विदेश दोनों निवेश में बाधा बनते हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में जो बजट भाषण दिया था उसमें ही सरकार की मंशा साफ कर दी थी कि सरकार कई सारे अपराधों के कानूनों में सिविल कैटेगरी में डालने के लिए कदम उठाएगी.

इस पूरी प्रक्रिया के पीछे उद्देश्य ये है कि कारोबार पर बोझ को कम किया जाए और निवेशकों में भरोसा जगाया जाए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को ऐसे अपराध रोकने के लिए आर्थिक दंड को बढ़ा देना चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×