टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने 30 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार के साथ चल रहे केस में जीत हासिल कर ली है और मुआवजे के रूप में टाटा को 766 करोड़ रुपये और ब्याज मिलेंगे.
कंपनी ने को कहा कि बंगाल में बंद हो चुके सिंगूर नैनो प्लांट (Nano Plant) में अपने निवेश की भरपाई के लिए 766 करोड़ रुपये और ब्याज का पुरस्कार जीता है. दरअसल, इस मामले की सुनवाई एक मध्यस्थता ट्रिब्यूनल के सामने चल रही थी जिसने पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (WBIDC) को मुआवजा देने को कहा है.
क्या है मामला?
दरअसल, टाटा मोटर्स नैनो कार का प्लांट पश्चिम बंगाल के सिंगूर में बना रहे थे, लेकिन बाद में भारी विरोध के बाद उन्हें प्लांट बंद कर गुजरात में खोलना पड़ा, इस दौरान टाटा ने सिंगूर में जो निवेश किया था उसकी भरपाई की मांग सरकार से की थी. वहीं केस अब टाटा मोटर्स जीत चुका है.
टाटा ने ये जानकारी एक फाइलिंग में दी है. इसके अनुसार, ट्रिब्यूनल ने कहा कि टाटा मोटर्स 1 सितंबर, 2016 से WBIDC से वास्तविक वसूली तक 11 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ 765.78 करोड़ रुपये की वसूली कर सकता है. फाइलिंग से यह स्पष्ट नहीं था कि ब्याज की गणना कंपाउंड के आधार पर होगी या साधारण ब्याज दर के आधार पर.
टाटा मोटर्स ने कहा कि उसे कार्यवाही की लागत के लिए 1 करोड़ रुपये की राशि वसूलने की अनुमति भी दी गई है.
बता दें कि, पश्चिम बंगाल सरकार ने टाटा मोटर्स को नैनो प्लांट के लिए 1000 एकड़ की जमीन दी थी लेकिन बाद में विपक्षी दल के विरोध के बाद टाटा ने प्लांट बंद करने का फैसला लिया था. इसके बाद प्लांट गुजरात में खोला गया. 2008 में एक लाख रुपये की नैनो लॉन्च की, लेकिन लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आई जिसके चलते नैनो के प्रोडक्शन को बंद करना पड़ा.
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