एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) को टाटा संस (Tata Sons) ने खरीद लिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया है कि टाटा संस ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए लगाई जाने वाली बोली को जीत लिया है. जिसके बाद एक बार फिर टाटा एयर इंडिया को संभालेगी.
68 साल बाद फिर एयर इंडिया की मालिक बनी टाटा
टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. जिसके बाद अब ये बोली जीतकर टाटा एक बार फिर इस एयरलाइन कंपनी की मालिक बन चुकी है. एयर इंडिया की वापसी पर रतन टाटा ने ट्वीट करते हुए, वेलकम बैक लिखा है.
बता दें कि 68 साल पहले ये एयरलाइन कंपनी टाटा की ही थी. जिसे बाद में सरकार ने खरीद लिया था. 1953 में भारत सरकार ने टाटा संस से एयर इंडिया का मालिकाना हक खरीदा था.
सरकार ने दी थी सफाई
इससे पहले 1 अक्टूबर को भी टाटा संस के एयर इंडिया को खरीदने की अटकलें लगाई गई थीं. जिसके बाद तमाम मीडिया संस्थानों ने इसे सूत्रों के हवाले से चलाया. लेकिन बाद में सरकार की तरफ से साफ किया गया कि अब तक बोली को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. लेकिन अब आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया के बिड जीतने का ऐलान किया गया है.
कर्मचारियों को सरकार की तरफ से राहत
सरकार ने कई शर्तों के साथ टाटा संस को एयर इंडिया का मालिकाना हक दिया है. एविएशन सेक्रेट्री ने बताया कि, टाटा संस को एयर इंडिया के कर्मचारियों को ही नौकरी पर लेना होगा. आज की तारीख में एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं जिसमें से 8,084 स्थायी कर्मचारी हैं और 4,001 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं. इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं. 1 साल और तक अगर उनकी छटाई होगी तो उनको वीआरएस देना होगा.
टाटा संस को सरकार की तरफ से ये भी बताया गया है कि वो अगले पांच सालों तक एयर इंडिया ब्रांड और लोगो को ट्रांसफर नहीं कर सकता है. साथ ही अगर 5 साल बाद ऐसा होता है तो इसे सिर्फ भारतीय नागरिक को ही दिया जा सकता है.
टाटा और एयर इंडिया का रिश्ता पुराना
टाटा और एयर इंडिया का रिश्ता 1930 में शुरू हुआ था. इस एयरलाइन कंपनी को टाटा ने ही शुरू किया था. एक पायलट और टाटा ग्रुप के फाउंडर जेआरडी टाटा ने इसकी शुरुआत की थी. हालांकि तब इसका नाम टाटा एयर सर्विस रखा गया था.
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