आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार ने इंपोर्ट लाइसेंस के नियम में जो बदलाव किए हैं उसका असर अब टीवी बाजार पर पड़ने लगा है. भारत के अलग-अलग बंदरगाहों पर करीब 21 हजार से ज्यादा बड़ी स्क्रीन की टीवी अटकी पड़ी है. इसमें सैमसंग, एलजी, सोनी जैसी बड़ी कंपनियों के टेलिवीजन सेट हैं.
दरअसल भारत सरकार ने चीन जैसे देशों के साथ चल रहे सीमा विवाद के बाद आत्मनिर्भर अभियान पर जोर दिया है. द इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक सरकार ने टेलीवीजन इंपोर्ट के नियम में बदलाव किया. नए नियम के मुताबिक बाहर से आने वाले टीवी सेट पर इंपोर्ट लाइसेंसिंग जरूरी है. फिलहाल सैमसंग, सोनी और टीसीएल जैसी टीवी कंपनियों के पास इंपोर्ट लाइसेंस नहीं है.
हालांकि द इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में इन कंपनियों के अधिकारियों ने बताया है कि लाइसेंस के लिए आवेदन किया हुआ है, लेकिन इस बात को लेकर कुछ भी साफ नहीं है कि कब तक लाइसेंस मिलेगा.
बता दें कि सरकार ने 30 जुलाई को कलर टेलीविजन सेट के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. केंद्र सरकार ने ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ के तहत उठाया है. सरकार इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और गैर-जरूरी आयात को कम करने की कोशिश कर रही है.
35 फीसदी टीवी सेट इंपोर्ट करता है भारत
बता दें कि भारत में करीब 35 फीसदी टीवी सेट इंपोर्ट किए जाते हैं, मतलब दूसरे देशों से आते हैं. इनमें से करीब 15-20 फीसदी प्रीमियम और बड़े स्क्रीन सेट हैं. अगर बाजार के वैल्यू की बात करें तो भारत में करीब 25000 करोड़ का टीवी मार्केट है.
2019-2020 में भारत ने 78.1 करोड़ डॉलर के कलर टीवी आयात किए थे. इनमें से 42.8 करोड़ डॉलर के वियतनाम और 29.3 करोड़ डॉलर के चीन से आयात किए गए थे.
अब अगर नए नियम की वजह से बंदरगाहों पर टीवी सेट फंसे रहे तो फेस्टिव सीजन पर टीवी मार्केट पर बड़ा असर पड़ सकता है. जिसका असर बाहरी कंपनियों के साथ-साथ भारत के टेलिवीजन स्टोर और लोकल मार्केट पर भी हो सकता है.
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