देश में जल्द ही एक और फिल्म सिटी खुलने की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-21 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट फिल्म सिटी के लिए एक हजार एकड़ भूमि आरक्षित रखी गयी है.
देश और विदेश की चार बड़ी कंपनियों ने बीड में हिस्सा लिया
इसके प्रथम चरण में 230 एकड़ में फिल्म सिटी को विकसित करने वाली कंपनियों के लिए टेक्निकल बीड शुक्रवार, 5 जनवरी को खोली गई है. जिसमें देश और विदेश की चार बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इन्हीं में से एक फिल्म सिटी के प्रथम चरण का विकास करेगी.
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी परियोजना के लिए बिड जमा करने की अंतिम तिथि 5 जनवरी थी. दोपहर तीन बजे टेक्निकल बिड प्राधिकरण कार्यालय में खोली गई.
जिसमें सुपरसोनिक टेक्नोबिड प्राइवेट लिमिटेड (मैड्डॉक फिल्म्स, केप ऑफ गॉड फिल्म्स एलएलपी & अदर्स); बेवियू प्रोजेक्ट्स एलएलपी (बोनी कपूर एंड अदर्स); सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (टी सीरीज); और फोर लायंस फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (केसी बोकाडिया एंड अदर्स) ने हिस्सा लिया.
यमुना अथॉरिटी को प्राप्त चारों बिड्स का अब प्राधिकरण स्तर पर तकनीकी परीक्षण किया जाएगा. इसके बाद नियमानुसार वित्तीय बिड खोली जायेगी.
90 साल के लिए मिलेगा लाइसेंस
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी की निविदा तीसरी बार जारी की गई है. यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि फिल्म सिटी के प्रथम चरण के विकासकर्ता का चयन जनवरी 2024 में होने की उम्मीद है.
पहले चरण में अनुमानित लागत 1510 करोड़ रुपये है. हालांकि एक हजार एकड़ में विकसित होने पर फिल्म सिटी की कुल लागत 10 हजार करोड़ होगी. इसमें 75 एकड़ में कामर्शियल व 155 एकड़ में फिल्म से जुड़ी गतिविधि के ढांचा तैयार होगा.
विकासकर्ता को 90 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा. इसके एवज में प्राधिकरण को फिल्म सिटी से होने वाली कमाई में राजस्व हिस्सेदारी मिलेगी. इसमें प्रतिवर्ष कम से कम इसमें पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी.
प्रदेश सरकार यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में फिल्म सिटी विकसित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. दो बार निविदा भी निकाली गई, लेकिन किसी ने बोली नहीं लगाई. फिल्म सिटी के नियम शर्तों में बदलाव के बाद प्राधिकरण ने तीसरी बार निविदा जारी की है.
देश में चार बड़ी फिल्मसिटी मौजूद
मोरटोरियम पीरियड को भी 4 सालों की जगह अब 7 साल कर दिया गया है. जिसका मतलब है कि जो कंपनी इसका निर्माण कराएगी उसे 7 सालों तक कुछ नहीं देना होगा. उसके बाद ही रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर भुगतान करना होगा.
फिल्म सिटी एक एकीकृत फिल्म स्टूडियो है, जहां पर फिल्मों की शूटिंग करने के लिए स्टूडियो, साउंड, बगीचे, और ब्लैक रिकॉर्डिंग रूम सभी एक ही जगह पर उपलब्ध होते हैं. यहां पर विभिन्न शो की शूटिंग की जाती है.
अभी देश में चार बड़ी फिल्मसिटी मौजूद है. जिनमें रामोजी फिल्म सिटी, हैदराबाद; फिल्म सिटी मुंबई; इननोवेटिव फिल्म सिटी बेंगलुरु; और एमजीआर फिल्म सिटी, चेन्नई शामिल हैं.
रामोजी फिल्म सिटी, हैदराबाद: यह 1966 में तेलुगु फिल्म के निर्माता रामोजी राव द्वारा बनवाई गई थी. विभिन्न जगहों के लोग हर साल यहां पर रामोजी फिल्म सिटी देखने आते हैं.
“रामोजी फिल्म सिटी” स्टूडियो के परिसर को ही भारत का सबसे बड़ा फिल्म सिटी परिसर” माना जाता है. यह हैदराबाद से 25 किलोमीटर दूर स्थित है.
“रामोजी फिल्म सिटी” स्टूडियो का क्षेत्रफल लगभग 2,000 एकड़ में फैला हुआ है. यहां पर 50 के लगभग शूटिंग फ्लोर भी हैं. यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा स्टूडियो परिसर माना गया है तथा यह दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत फिल्मी सिटी है.
फिल्म सिटी, मुंबई : यहां भी एक एकीकृत फिल्म स्टूडियो स्थापित है. यह स्टूडियो “दादा साहेब फालके चित्रनगरी” नाम से भी प्रसिद्ध हैं. यह संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है.
मुंबई फिल्म सिटी का नाम दादा साहेब फाल्के की याद में बदलकर सन् 2001 में “दादा साहेब फाल्के चित्रनगरी” रखा गया है. फिल्म उद्योग को सुविधाएं देने के लिए यह स्टूडियो 1977 में राज्य सरकार द्वारा बनवाया गया था.
यह स्टूडियो मुंबई के उपनगरों के 520 एकड़ के इलाके में फैला हुआ है. यहां पर लगभग 42 शूटिंग के स्थान और बहुत सी जगहों के 16 स्टूडियो है.
मुंबई फिल्म सिटी में शूटिंग के लिए विभिन्न स्थान जैसे मंदिर, झील, पहाड़, पिकनिक स्पॉट, बगीचा, फव्वारे, अदालत, गांव, जेल और बगीचा आदि हैं. यहां पर एक आर्टफिशल झरना भी है, जो सभी बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग का स्थान रहा है.
इनोवेटिव फिल्म सिटी, बेंगलुरु : यह फिल्म सिटी बेंगलुरु के बाहरी क्षेत्र बिदादी में स्थित है. यहां पर विभिन्न प्रकार की शूटिंग के स्थान है जैसे- एक्वा किंग्डम, डिनो पार्क, मिनी गोल्फ, हांटेड मेंशन, इनोवेटिव टॉकीज, चिड़ियाघर पेंटिंग और मिरर भूल-भुलैया तथा कार्टून सिटी आदि.
यहां पर फॉसिल म्यूजियम, वैक्स म्यूजियम, ट्राइबल म्यूजियम और ओडिटीज म्यूजियम जैसे विभिन्न प्रकार के म्यूजियम हैं. इसके साथ ही यहां पर 3डी स्टूडियो टूर, फोटो बूथ तथा 4डी फाइनल थिएटर इनोवेटिव टॉकीज भी है.
एमजीआर फिल्म सिटी, चेन्नई : यह फिल्म स्टूडियो चेन्नई के तारामती स्टूडियो परिसर में स्थित है. इसकी स्थापना 1994 में हुई थी, इसका उद्देश्य फिल्म निर्माताओं तथा विभिन्न ने पर्यटकों को आकर्षित करना था.
इसका नाम तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन की AIADMK सरकार द्वारा जे.जे. फिल्म सिटी के नाम पर रखा गया था. इसके बाद 1966 में डीएमके के राजनीति में आने के बाद इसका नाम बदलकर एमजीआर फिल्म सिटी रख दिया गया था.
यहां पर फिल्मों में काम करने के लिए विभिन्न दृश्य हैं जो कि विभिन्न विषयों पर बने हुए सेट हैं. एमजीआर फिल्म सिटी 2002 से बंद है.
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