देश में जनवरी, 2020 के दौरान शहरी बेरोजगारी में इजाफा हुआ है. दिसंबर, 2019 में शहरी बेरोजगारी दर 9 फीसदी थी लेकिन जनवरी, 2020 में यह बढ़ कर 9.7 फीसदी हो गई. हालांकि ओवरऑल बेरोजगारी में कमी आई है. दिसंबर, 2019 में यह दर 7.6 फीसदी थी लेकिन जनवरी 2020 में यह घट कर 7.16 पर आ गई.
CMIE आंकड़ों के मुताबिक शहरी बेरोजगारी दर में तेज इजाफा
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी CMIE के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर, 2019 में शहरी बेरोजगारी की दर 9 फीसदी थी लेकिन जनवरी 2020 में यह बढ़ कर 9.7 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि जनवरी, 2020 को खत्म हुए वर्ष में एवरेज ओवरऑल मंथली बेरोजगारी दर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई.
मासिक बेरोजगारी की दर में अंतर है. इसके साथ ही ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी दर के अंतर में भी इजाफा हो रहा है. CMIE के सीईओ महेश व्यास ने बिजनेस स्टैंडर्ड के अपने कॉलम में बेरोजगारी के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. उनके मुताबिक अगस्त, 2018 और अक्टूबर 2019 में बेरोजगारी दर आठ फीसदी को पार कर गई. लेकिन इसके बाद में इसमें खासी गिरावट आई है. यह आठ फीसदी से तो नीचे आई लेकिन सात फीसदी से ऊपर रही. बेरोजगारी दर (पिछले एक साल के दौरान) 7.4 के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है लेकिन 2017 के मध्य से यह बढ़ना रुक गई है.
CMIE आंकड़ों की अहम बातें
- ग्रामीण बेरोजगारी दर अक्टूबर 2019 में 8 फीसदी थी लेकिन दिसंबर 2019 में यह घट कर 6.9 फीसदी हो गई. इसमें और गिरावट आई और यह जनवरी 2020 में 6 फीसदी पर पहुंच गई.
- जनवरी 2020 में शहरी बेरोजगारी दर 9.7 फीसदी थी. यह अगस्त 2019 के 9.71 फीसदी के लगभग बराबर है.
- मासिक बेरोजगारी की दर में अंतर है. ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी दर के अंतर में भी इजाफा हो रहा है.
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