वोडाफोन ने कहा है कि भारत में जब तक सरकार टेलीकॉम ऑपरेटरों पर ज्यादा टैक्स और चार्ज थोपती रहेगी तब तक उसका भविष्य अनिश्चित रहेगा. वोडाफोन का इशारा स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंस फीस की ओर था.
सीईओ ने कहा,भारत में ज्यादा टैक्स और हतोत्साहित करने वाले रेगुलेशन
वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने मंगलवार को कहा, ' हतोत्साहित करने वाले रेगुलेशन और बहुत ज्यादा टैक्स की वजह से हम पर काफी वित्तीय बोझ हो गया है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी हमारे हक में नहीं आया. सरकार ने वोडाफोन-आइडिया पर लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज के तौर पर करीब 40,000 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था. सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है.
भारत में टेलीकॉम ऑपरेटरों के भविष्य पर टिप्पणी करते हुए रीड ने कहा, 'यह कहना सही होगा कि हालत नाजुक है.' पिछले महीने वोडाफोन ने साफ किया था कि वह भारतीय बाजार में निवेश करना जारी रखेगी . कंपनी ने मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में सरकार से समर्थन मांगा था. वोडाफोन ग्रुप ने अपने बयान में कहा था
वोडाफोन को कुछ भारतीय मीडिया में चल रहे झूठे और बेबुनियाद अफवाहों की जानकारी है, जिसमें कहा जा रहा है कि हमने मार्केट से बाहर निकलने का फैसला किया है. हम साफ-साफ कहना चाहते हैं कि ये रिपोर्ट्स सच नहीं हैं और शरारतपूर्ण हैं.
वोडाफोन ने मांगा सरकार से राहत पैकेज
वोडाफोन ने सरकार से राहत पैकेज की मांग की है, जिसमें 2 साल के स्पेक्ट्रम पेमेंट को खत्म करने, लाइसेंस फीस और टैक्स को कम करना शामिल है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट वाले मामले में ब्याज और जुर्माने को माफ करने की मांग शामिल है. कंपनी का कहना है कि भारत में कारोबार करना उसके लिए कठिन होता जा रहा है लेकिन वह यहां से बाहर जाने का नहीं सोच रही.
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