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भारत ने विदेशी यात्रियों के लिए मौजूदा गाइडलाइन में किया गया बदलाव- पूरा ब्योरा

संशोधित गाइडलाइन 12 नवंबर से लागू होगी और अगले आदेश तक वैध रहेगी.

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केंद्र सरकार (Central Government) ने भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (International Passengers) के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की है. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के बच्चों को यात्रा से पहले और बाद में कोरोना वायरस की जांच से छूट देने का फैसला लिया गया है.

हालांकि, अगर यात्रा के दौरान उनमें कोरोनो वायरस संक्रमण के लक्षण दिखते हैं तो उनका टेस्ट किया जाएगा और निर्धारित किए गए प्रोटोकॉल के मुताबिक इलाज किया जाएगा.

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देश में कहा गया कि संशोधित गाइडलाइन 12 नवंबर से लागू होगी और अगले आदेश तक वैध रहेगी.

मंत्रालय द्वारा जारी की गाइडलाइन में वायरस के लगातार बदलते वैरिएंट पर भी निगरानी करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

पिछली गाइडलाइन्स की समीक्षा की गयी और जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों में कुछ बदलाव किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं...

  • आने वाले यात्रियों के कोरोना वायरस टीकाकरण को 15 दिन हो चुका हो.

  • यदि यात्रियों को पूरी तरह से वैक्सीन लगाई गई है और वो ऐसे देश से आ रहे हैं जिसके पास डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूर की गई वैक्सीन हो, तो उन्हें क्वारंटीन प्रोसेस से नहीं गुजरना होगा. हालांकि, वो आने के बाद 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी स्वयं करेंगे.

  • जिन यात्रियों को पूरी तरह से वैक्सीन नहीं लगी है, उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए एक सैंपल देना होगा, जिसके बाद एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी.

  • होम क्वारंटीन या सेल्फ हेल्थ-मॉनीटरिंग के तहत यदि कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आता है तो तुरंत सेल्फ आइसोलेट होकर अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र करें या राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1075 पर कॉल करें.

  • आते समय प्लेन से उतरते समय शारीरिक दूरी और थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित करना अनिवार्य है.

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  • एयरपोर्ट के हेल्थ स्टाफ को ऑनलाइन भरा गया सेल-डिक्लेरेशन फॉर्म दिखाना होगा.

  • स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण पाए जाने वाले यात्रियों को तुरंत आइसोलेट किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार चिकित्सा सुविधा दी जाएगी. यदि टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो उनके आस-पास के लोगों की पहचान की जाएगी और उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधित किया जाएगा.

  • इसके अलावा, जिन यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो, उनके संपर्क में सभी यात्रियों का आईसीएमआर प्रोटोकॉल के अनुसार टेस्ट किया जाएगा और 14 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा.

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