भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने अपनी COVID-19 वैक्सीन कोवैक्सीन की ब्राजील डील को लेकर अनियमितता के आरोपों के बीच एक बयान जारी किया है. कंपनी ने कहा है कि वो 'किसी भी गलत काम की किसी भी धारणा' को दूर करना चाहती है.
कंपनी के बयान में कहा गया है, ''ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोवैक्सीन की खरीद के मामले में, नवंबर 2020 के दौरान पहली मीटिंग से 29 जून तक, आठ महीने की इस प्रक्रिया के दौरान, कॉन्ट्रैक्ट और रेग्युलेटरी अप्रूवल की दिशा में चरण-दर-चरण तरीके का पालन किया गया है.''
इसके अलावा कंपनी ने कहा है कि EUA (आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी) 4 जून को मिली, ''29 जून तक, भारत बायोटेक को कोई अग्रिम भुगतान नहीं किया गया और न ही उसने ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय को वैक्सीन सप्लाई कीं.''
हैदराबाद-बेस्ड वैक्सीन निर्माता कंपनी ने कहा है, ''भारत बायोटेक ने दुनियाभर के कई देशों में कॉन्ट्रैक्ट, रेग्युलेटरी अप्रूवल और सप्लाई के लिए एक जैसे दृष्टिकोण का पालन किया है, जहां कोवैक्सीन की सफलतापूर्वक सप्लाई की जा रही है.''
भारत बायोटेक का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में मीडिया में आई कई रिपोर्ट्स ने ब्राजील और अन्य देशों में कोवैक्सीन की खरीद प्रक्रिया को "गलत तरीके से पेश" किया है. उसने कहा है, ''COVID-19 वैक्सीन और नियमित टीकाकरण के लिए कई वैक्सीन की खरीद प्रक्रिया एक सामान्य प्रक्रिया का पालन करती है, जो इंडस्ट्री में व्यापक रूप से स्वीकार्य और स्थापित है.''
वैक्सीन की कीमत को लेकर उठ रहे सवालों पर कंपनी ने कहा कि भारत के अलावा दूसरे देशों के लिए कोवैक्सीन की कीमत 15-20 डॉलर प्रति खुराक के बीच स्पष्ट रूप से स्थापित हो गई थी, ब्राजील के लिए भी मूल्य निर्धारण 15 डॉलर प्रति खुराक पर इंगित किया गया है.
ब्राजील ने किया कोवैक्सीन डील सस्पेंड करने का ऐलान
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मर्सेलो केरोगा ने मंगलवार को 2 करोड़ खुराकों के कोवैक्सीन कॉन्ट्रैक्ट को सस्पेंड करने का ऐलान किया. अनियमितताओं के आरोपों की वजह से यह कॉन्ट्रैक्ट ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के लिए सिरदर्द बन गया है.
केरोगा ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी टीम आरोपों की जांच करेगी. वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया , ''CGU (फेडरल कम्पट्रोलर जनरल) के शुरुआती एनालिसिस के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्ट में कोई अनियमितता नहीं है, लेकिन अनुपालन के लिए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज्यादा गहन विश्लेषण के मद्देनजर कॉन्ट्रैक्ट को निलंबित करने का विकल्प चुना है.''
(NDTV के इनपुट्स समेत)
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