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ब्राजील ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के इंपोर्ट पर लगाई रोक

‘कोवैक्सीन’ को भारत बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर डेवलप किया है.

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ब्राजील ने भारत की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के इंपोर्ट पर फिलहाल रोक लगा दी है. ब्राजील ने कोवैक्सीन के 2 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी ब्राजील के गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) जरूरती पर खरी नहीं उतरती है.

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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील ने कोवैक्सीन को GMP सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है. ब्राजील के हेल्थ रेगुलेटर्स ANVISA ने 1 से 5 मार्च के बीच हैदराबाद में कंपनी की साइट का इंस्पेक्शन किया था. इसके दौरान रेगुलेटर्स को मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया में खामियां दिखीं. रेगुलेटर के मुताबिक, ये मुद्दे संभावित रूप से वैक्सीन की गुणवत्ता को जोखिम में डाल सकते हैं.

कंपनी का अपने पार्टनर प्रीसिसा मेडिकामेंटोस के जरिये ब्राजील सरकार को कोवैक्सिन की 2 करोड़ खुराक की आपूर्ति के लिए समझौता किया है.

ब्राजील की तरफ से उठाए गए इन मुद्दों पर भारत बायोटेक ने कहा है कि इन्हें जल्द ही हल किया जाएगा. पब्लिकेशन की रिपोर्ट में कंपनी ने कहा, “इंस्पेकशन के दौरान बताई गई जरूरतों को पूरा किया जाएगा, इसके लिए टाइमलाइन पर ब्राजील NRA के साथ चर्चा की जा रही है और ये जल्द ही हल होगा.”

भारत बायोटेक ने कहा है कि ब्राजील सरकार के साथ समझौता अभी भी एक्टिव है.

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द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ANVISA ने अपने बयान में कहा कि भारत बायोटेक की मैन्युफैक्चरिंग साइट पर कुछ खामियां पाई गई, जो ब्राजील में वैक्सीन यूजर्स के लिए हेल्थ रिस्क बन सकता है.

रेगुलेटर ने ये भी महसूस किया कि कंपनी प्रोडक्ट की स्टरलिटी के लिए सभी आवश्यक सावधानी नहीं बरत रही है और वैक्सीन की शुद्धता की गारंटी के लिए जरूरी स्ट्रैटेजी की भी कमी है.

हैदराबाद की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर कोवैक्सीन का निर्माण कर रहा है. जनवरी 2021 में इसे भारत सरकार से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिली थी.

कोरोना से बुरी तरह प्रभावित ब्राजीलब्राजील कोरोना वायरस से दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित दूसरा देश है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कोविड ट्रैकर के मुताबिक, ब्राजील में कोविड के अब तक 1.21 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं. 3.21 लाख लोगों की अब तक इस वायरस से मौत हो चुकी है.

कोविशील्ड और कोवैक्सीन को भारत में अनुमति

भारत में अभी दो ही वैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन (EUA) दिया गया है- कोविशील्ड और कोवैक्सीन. कोविशील्ड वैक्सीन ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका द्वारा मिलकर डेवलप की गई है, जिसका निर्माण पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है.

नेपाल, मॉरिशस समेत कई देशों में कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी गई है. कंपनी ने ब्राजील, फिलिपींस और थाईलैंड में भी इमरजेंसी यूज के लिए अप्लाई किया है.

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