कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार कुछ राज्य सरकारों के साथ मिलकर COVID-19 से संबंधित नए संक्रमणों और मौतों की सही संख्या को दबा रही है.
कांग्रेस नेताओं पी चिदंबरम और शक्तिसिंह गोहिल ने शनिवार को गुजराती अखबार दिव्य भास्कर की एक खबर का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि गुजरात ने 1 मार्च से 10 मई के बीच लगभग 123000 डेथ सर्टिफिकेट जारी किए, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान लगभग 58000 डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए थे.
दोनों नेताओं ने कहा कि उन्होंने राज्य के 33 जिलों से आंकड़े जुटाने के बाद इनका सत्यापन कराया.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जुटाए गए आंकड़े प्रकाशित संख्या के साथ लगभग मेल खाते हैं. हालांकि, 1 मार्च से 10 मई की अवधि के दौरान, गुजरात सरकार ने आधिकारिक तौर पर COVID-19 संबंधित केवल 4218 मौतें स्वीकार की हैं.
चिदंबरम ने कहा कि (संबंधित अवधि में) डेथ सर्टिफिकेट की संख्या में बढ़ोतरी (65805) और COVID-19 से संबंधित आधिकारिक मौतों (4218) के बीच के अंतर को स्पष्ट किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे 'प्राकृतिक वार्षिक बढ़ोतरी' या 'अन्य कारणों' के रूप में नहीं समझाया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें संदेह है कि मौतों की बढ़ी हुई संख्या का एक बड़ा हिस्सा COVID-19 के कारण है और राज्य सरकार COVID-19 से संबंधित मौतों की सही संख्या को दबा रही है.’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘हमारे संदेह की पुष्टि इस तथ्य से होती है कि गंगा नदी में सैकड़ों अज्ञात शव पाए गए हैं और लगभग 2000 अज्ञात शव गंगा नदी के किनारे रेत में दबे हुए पाए गए हैं.’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमें संदेह है कि भारत सरकार, कुछ राज्य सरकारों के साथ मिलकर नए संक्रमणों और COVID-19 संबंधित मौतों की सही संख्या को दबा रही है. अगर हमारा संदेह सही है, तो यह राष्ट्रीय शर्म और राष्ट्रीय त्रासदी के अलावा एक अनैतिक कृत्य है.’’
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक, गोहिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा या रिटायर्ड जज द्वारा न्यायिक जांच का आदेश देने का साहस जुटाना चाहिए.
चिदंबरम ने कहा कि भारत सरकार और गुजरात सरकार को भारत के लोगों के प्रति एक स्पष्टीकरण देना बनता है.
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