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भारत में कब खत्म होगी COVID-19 की तीसरी लहर, 4 विशेषज्ञों ने लगाया अनुमान

"दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में कोरोना की चल रही तीसरी लहर का पीक मध्य जनवरी में आएगा."

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कोरोना वायरस (Corona Virus) और ओमिक्रॉन (Omicron) के आंकड़े जिस तेजी के साथ बढ़ रहे हैं उसके मद्देनजर महाराष्ट्र (Maharashtra), कर्नाटक (Karnataka) और दिल्ली (Delhi) सरकार कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की घोषणा कर चुकी हैं. हालांकि भारत में अभी कहीं भी लॉकडाउन नहीं लगाया गया है, हालांकि नाइट कर्फ्यू समेत कई प्रतिबंध लगा दिए है. पिछले तीन दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरोना के नए मामले रोजोना 1 लाख से ज्यादा आ रहे हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना के नए मामले 1,79,000 को पार कर गए.

वहीं अब तक मौत के आंकड़ों में कोई उछाल नहीं देखा गया है. हर रोज 300-350 से कम मौतें दर्ज हो रही हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सवाल उठता है कि इसका पीक कब आएगा, यानी वो समय जब रोजाना कोरोना के बहुत अधिक मात्रा में केस आएंगे. क्योंकि उसी के बाद मामले कम होना शुरू होंगे.

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दिल्ली और महाराष्ट्र में मिड-जनवरी में आएगा कोरोना पीक 

IIT-कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने एक इंटरव्यू में कहा है कि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में कोरोना की चल रही तीसरी लहर का पीक मध्य जनवरी में आएगा. यानी हर दिन लगभग 8 लाख कोरोना मामलों का अनुमान प्रोफेसर ने लगाया है. कोरोना की दूसरी लहर के पीक में भी इतने मामले नहीं आए थे.

देश में तीसरी लहर का चरम यानी पीक अगले महीने की शुरुआत में या उससे भी थोड़ा पहले आने की उम्मीद है. अब तक एक अनुमान के अनुसार, हम एक दिन में चार से आठ लाख कोरोना के नए मामले देख सकते हैं. कोरोना मामलों का ग्राफ अब बढ़ने लगा है. इसे नीचे आने में एक महीने का और समय लगेगा. मार्च के मध्य तक भारत में महामारी की तीसरी लहर खत्म हो जानी चाहिए.
प्रो. मनिंदर अग्रवाल

मनिंदर अग्रवाल का मानना है कि चुनावी रैलियों की वजह से कोरोना के मामले धड़ल्ले से बढ़ रहे हैं, लेकिन ये केवल एक कारण हैं. इसके अलावा कई और भी कारणों से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अगर सारी चुनावी रैलियों पर रोक भी लगा दें तो कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.

हालात काफी तेजी से बदल रहे हैं लेकिन मुंबई की बात करें तो कोरोना की तीसरी लहर का पीक इसी महीने के मध्य से शुरू हो जाएगा, दिल्ली में भी हालात लगभग बराबर है इसलिए यहां भी इसी महीने पीक आएगा. कोलकाता को लेकर अनिश्चिताएं ज्यादा है फिर भी लगता है कि वहां भी इसी महीने पीक आ जाएगा. इसलिए कुल मिलाकर देश में तीसरी लहर का पीक आने की संभावना बराबर समय पर है.
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"दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में कोरोना की चल रही तीसरी लहर का पीक मध्य जनवरी में आएगा."

कोरोना की तीसरी लहर का पीक

फोटो- क्विंट

IIT-हैदराबाद के प्रोफेसर ने बताया फरवरी में आ सकता है पीक

IIT-हैदराबाद के विशिष्ट प्रोफेसर और कोविड19 ट्रैकर के नाम से वेबसाइट चलाने वाले एम विद्यासागर ने अपने केल्कुलेशन के आधार पर अनुमान लगाया है कि कोरोना की तीसरी लहर फरवरी में अपनी चरम पर रह सकती है.

उन्होंने कहा, देश में अब बड़े पैमाने पर इम्युनिटी आ गई है. इसके कारण तीसरी लहर का पीक दूसरी लहर की तुलना में हल्की हो सकती है. 2022 में दूसरे महीने में मामले बढ़ सकते हैं लेकिन लहर के हल्के होने की उम्मीद है. वे अप्रैल में कम होना शुरू हो जाएंगे और मई में फिर मामले बहुत कम दर्ज होंगे. ये अनुमान कोविड ट्रैकर मॉडल पर आधारित है.
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"कोरोना की तीसरी लहर 1-15 फरवरी के बीच अपने चरम पर होगी"

IIT-मद्रास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जयंत झा ने कम्प्यूटेशन मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में तीसरी लहर 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच अपने चरम पर होगी.

इनका पूरा गणित R वैल्यू को लेकर है. R वैल्यू बताता है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. अगर आर-वैल्यू 1 है इसका मतलब एक व्यक्ति किसी एक और व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है. जब आर-वैल्यू एक से नीचे होता है तो माना जाता है कि महामारी खत्म हो रही है.

डॉ जयंत झा ने बताया कि जनवरी के पहले हफ्ते में R-वैल्यू 4 हो गई थी यानी एक व्यक्ति अन्य चार लोगों को संक्रमित कर रहा है. 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच आर-वैल्यू 2.9 थी.
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कम समय के लिए होगा तीसरी लहर का प्रकोप, लेकिन रिकॉर्ड मामले होंगे दर्ज 

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले पॉल कट्टुमन ने कहा है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर कम समय के लिए आएगी, लेकिन इस दौरान कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज होंगे.

प्रोफेसर पॉल का मानना है कि भारत के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से ऐसा संभव है कि आने वाले कुछ दिनों में कोरोना मामलों में बहुत इजाफा हो सकता है. उनका कहना है कि फरवरी माह में कोरोना के रिकॉर्ड केस दर्ज हो सकते हैं. इसे भारत में कोरोना की तीसरी लहर के रूप में भी देखा जा सकता है.

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