ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड के खिलाफ कितनी असरदार हैं एंटीबायोटिक्स, क्या हैं साइड इफेक्ट?

हमने कुछ एक्सपर्ट्स से बात की और जाना कि कोविड के खिलाफ इलाज में एंटीबायोटिक्स का क्या रोल है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) ने पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है. दुनियाभर में कोविड से अब तक 55 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, अब कोविड के खिलाफ वैक्सीन दी जा रही है, लेकिन इससे पहले कोविड के इलाज में एंटीबायोटिक्स दवाइयों का खूब इस्तेमाल किया जा रहा था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पहले डेल्टा और अब ओमिक्रॉन वेरिएंट के फैलते संक्रमण के बाद भी डॉक्टर्स एंटीबायोटिक्स दवाइयों को लिख रहे हैं. तो क्या एंटीबायोटिक्स दवाइयां वाकई कोविड के खिलाफ असरदार हैं? अगर हां तो कैसे? और नहीं, तो अभी भी ये कोविड मरीजों को क्यों दी जा रही हैं?

हमने कुछ एक्सपर्ट्स से बात की और जाना कि कोविड के खिलाफ इलाज में एंटीबायोटिक्स का क्या रोल है.

0

एंटीबायोटिक्स क्या है और कैसे काम करती है?

एंटीबायोटिक्स दवाइयां बैक्टीरिया को मार कर या क्षति पहुंचा कर बीमारी का इलाज करती हैं. एंटीबायोटिक्स अलग-अलग इंफेक्शन के इलाज में काम आती हैं.

कोविड के खिलाफ एंटीबायोटिक्स कितनी असरदार हैं?

एंटीपैरासिटिक दवा - आइवरमेक्टिन को कोविड के खिलाफ इलाज से हटा दिया गया है. इसी तरह, इलाज में बेअसर साबित हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, डेक्सामेथासोन और प्लाज्मा ट्रीटमेंट को भी ट्रीटमेंट से बाहर कर दिया गया है.

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, डॉ मैथ्यू वर्गीज ने क्विंट से कहा कि किसी भी वायरल बीमारी का कोई ठोस उपचार नहीं है. कुछ गिनी चुनी दवाइयां हैं, जो किसी-किसी वायरल बीमारी में वायरस की संख्या को कम करती हैं. 99% वायरल बीमारी की कोई दवा अभी नहीं है.

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, रेमेडिसविर और टोसीलिजुमैब को केवल मध्यम से गंभीर बीमारी के मामले में ही लिखा जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

असरदार नहीं तो कोविड में एंटीबायोटिक्स दवाइयां क्यों दी जा रहीं?

दिल्ली के एक फोर्टिस अस्पताल के निदेशक और एचओडी पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ. विकास मौर्य ने क्विंट से कहा कि कोविड में एंटीबायोटिक्स का कोई रोल नहीं है, क्योंकि ये एक वायरल बीमारी है, न की बैक्टीरीयल. उन्होंने आगे बताया कि जब भी कोई वायरल बीमारी होती है, तो लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिस वजह से कई बार सेकंडेरी बैक्टीरीयल इंफेक्शन हो जाता है, तब मरीज को एंटीबायोटिक्स दी जाती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अगर आप ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हैं, तो आपको कौन सी दवाई लेनी चाहिए?

डॉ वर्गीज के मुताबिक,

  • अगर बुखार है, तो पैरासिटामोल लें.

  • अगर ठंड है और नाक बंद है, तो एंटी-एलर्जिक दवाई लें.

  • अगर बुखार और बिना बलगम वाली खांसी है, तो खांसी की दवाई लें.

डॉ वर्गीज का कहना है कि अगर बलगम के साथ खांसी है और कोई बैक्टीरियल इंफेक्शन नहीं है, तो एंटी-बायोटिक्स की जरूरत नहीं है. सूखी खांसी से निजात पाने के लिए गुनगुने पानी से गरारा करें.

दवाइयों और सावधानी बरतने के साथ-साथ, मरीज का आराम करना भी काफी जरूरी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या हैं एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट्स?

डॉ विकास मौर्य का कहना है कि चाहे एंटीबायोटिक्स दवाइयां हों या एंटी वायरल, सभी दवाइयों के थोड़े-बहुत साइड-इफेक्ट्स होते हैं. उनके मुताबिक, "एंटीबायोटिक्स की बात करें, तो छोटे साइड इफेक्ट्स जैसे कि पेट से जुड़ी समस्या अक्सर हो जाती है, जो अधिकतर मामलों में नियंत्रण में ही रहती है."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×