कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स दुनिया के लिए बड़ी परेशानी बन रहे है. भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट के बाद, अब डेल्टा प्लस वेरिएंट्स के भी मामले सामने आ रहे हैं. नए वेरिएंट में म्यूटेशन को देखते हुए अब नए वेरिएंट्स को लेकर भी खतरा बढ़ गया है.
डेल्टा प्लस, म्यूटेशन की प्रकृति K417N के कारण विशेष रूप से चिंता का विषय बन गया. ये म्यूटेशन पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले बीटा वेरिएंट में देखा गया था और, ट्रायल और स्टडी से पता चलता है कि बीटा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन ज्यादा असरदार नहीं रही है.
डेल्टा प्लस वेरिएंट के अलावा, चार और वेरिएंट्स हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिए चिंता का विषय बन गए हैं. ये हैं- B.1.617.3, डेल्टा वेरिएंट से जुड़ा हुआ; B.11.318, जिसके 14 म्यूटेशन हैं; लंबडा, जिसे पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने पहचाना और WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट (VOI) बताया है और B.1.617.1 यानी कि कप्पा वेरिएंट.
वायरस के इन वेरिएंट्स को लेकर चिंता क्यों है? जानिए.
कप्पा वेरिएंट
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कप्पा वेरिंएंट (B.1.617.1) या वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन के प्रसार को देखने के लिए व्यापक जीन सर्विलांस किया गया है.
ये म्यूटेशन वायरस के दो वेरिएंट्स के कारण हुआ है, जो हैं E484Q म्यूटेशन और E484K म्यूटेशन, जो कि ब्राजील और दणिक्ष अफ्रिका में तेजी से फैल रहे वेरिएंट्स में पाया गया है. इसमें L452R म्यूटेशन भी शामिल है, जो वायरस को हमारे शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स से बचने में मदद करता है.
लंबाडा वेरिएंट
WHO ने 14 जून को इस वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट घोषित किया. वेरिएंट को पहली बार अगस्त 2020 में पेरू में पहचाना गया था और तब से ये 29 देशों में फैल गया है, ज्यादातर लैटिन अमेरिकी देशों में.
लैम्ब्डा वेरिएंट यूनाइटेड किंगडम (UK) में भी पहुंच गया है, जहां पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने इसे जांच वाले वेरिएंट में जोड़ा है. वेरिएंट L452Q और F490S सहित इसके म्यूटेशन को लेकर चिंता का विष है. UK के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वेरिएंट से गंभीर बीमारी होती है या टीके का इसपर प्रभाव नहीं होता.
B.11.318 और B.1.617.3
B.1.617.3, B.11.318 वंशावली का हिस्सा है, जिसे पहली बार भारत में पाया गया था. ये डेल्टा वेरिएंट B.1.617.2 के जैसा है, जो भारत में घातक दूसरी लहर का कारण बना.
B.1.617.3 वेरिएंट को अभी तक किसी भी हेल्थ अथॉरिटी ने वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट (VOI) या वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) नहीं माना है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, B.11.318 वेरिएंट में E484K म्यूटेशन है, जो कप्पा वेरिएंट के जैसा है, और भारत में अभी तक इस उभरते हुए वेरिएंट के दो जीनोम सीक्वेंसिंग देखे गए हैं.
जानिए वेरिएंट और म्यूटेशन का मतलब
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