भारत में COVID-19 टीकाकरण अभियान को पूरा होने में एक साल से ज्यादा वक्त लग सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा, ‘’इस पूरे अभियान के लिए, जिसे पूरा होने में शायद एक साल से ज्यादा भी लग सकता है, 5 मुख्य सिद्धांत हैं.’’
रिपोर्ट में इन सिद्धांतों को लेकर बताया गया है- जन भागदारी सुनिश्चित करना पहला मुख्य सिद्धांत है; दूसरा सिद्धांत चुनावों के अनुभवों का इस्तेमाल करना है, जैसे कि बूथ रणनीति, और यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम; मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं से कोई समझौता न करना; वैज्ञानिक और नियामक मानदंडों पर कोई समझौता न करना; इसके अलावा सुव्यवस्थित और सुचारू प्रौद्योगिकी आधारित कार्यान्वयन.
भूषण ने कहा, ''हो सकता है कि कुछ सेवाओं में थोड़ी देरी हो, जहां हमें कुछ कार्यक्रमों को फिर से निर्धारित करना पड़ सकता है लेकिन COVID-19 टीकाकरण अभियान के चलते कोई सेवा भविष्य में बंद नहीं होगी.''
बता दें कि देशभर में 16 जनवरी से COVID-19 टीकाकरण अभियान का पहला फेज शुरू होगा. भूषण ने बताया कि मंगलवार दोपहर तक निर्धारित राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय भंडारण केंद्र तक COVID-19 वैक्सीन की 54.72 लाख खुराक पहुंचा दी गईं. उन्होंने कहा कि 14 जनवरी तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 1.1 करोड़ और भारत बायोटेक से 55 लाख खुराक मिल जाएंगी.
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