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भारत में R वैल्यू 1 के पार, प्रीकॉशन डोज के लिए भेजेंगे SMS- स्वास्थ्य मंत्रालय

चुनावी रैलियों में कोरोना प्रोटोकॉल चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र- स्वास्थ्य मंत्रालय

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कोरोना महामारी (Covid-19) के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में जानकारी दी कि भारत में पिछले सप्ताह औसतन 8,000 से अधिक मामले प्रति दिन दर्ज किए गए. भारत में कुल मिलाकर कोविड मामले की पॉजिटिविटी रेट 0.92% है तथा 26 दिसंबर के बाद से, देश में रोजाना 10,000 मामले सामने आ रहे हैं.

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बताया गया कि आठ जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है जबकि 14 जिलों में यह 5-10% है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत का R वैल्यू, जो कोविड -19 के प्रसार को बताता है, 1.22 है. चूंकि यह आंकड़ा 1 से ऊपर है इसलिए मामले बढ़ रहे हैं, सिकुड़ नहीं रहे हैं.

प्रीकॉशन डोज के लिए भेजा जायेगा SMS

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार व्यापक वैक्सीनेशन कवरेज सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें पात्र बुजुर्ग आबादी को SMS भेजना शामिल है, ताकि उन्हें 10 जनवरी से शुरू होने वाले कोविड के लिए प्रीकॉशन डोज की खुराक लेने के लिए याद दिलाया जा सके.

चुनावी रैलियों में प्रोटोकॉल चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र

बढ़ते संक्रमण के बीच राजनीतिक रैलियों में कोविड नियमों के उल्लंघन पर केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर को कहा है कि ''यह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में है.”

मीडिया ब्रीफिंग में चुनावी रैलियों में कोविड सुरक्षा के उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर, सरकार के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने कहा कि "हमने सभी से जिम्मेदारियों की रूपरेखा को समझाया है. यह हम सभी पर लागू होता है. चुनावों के बारे में - यह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में है”
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3 चीजों को मुख्य रूप से कम करेगा बूस्टर डोज

केंद्र के शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान निकाय- आईसीएमआर के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड के लिए प्रीकॉशन डोज मुख्य रूप से संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की गंभीरता को कम करने के लिए है.

"सभी कोविड वैक्सीन, चाहे वे भारत, इजराइल, अमेरिका, यूरोप, यूके या चीन से हों, मुख्य रूप से रोग-संशोधित होते हैं. वे संक्रमण को नहीं रोकते हैं. प्रीकॉशन डोज मुख्य रूप से संक्रमण की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने और मौत को कम करने के लिए है"
आईसीएमआर के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव

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