सरकार के एक शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार ने बुधवार को आगाह किया कि हमें कोरोना वायरस महामारी की नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए. केंद्र के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजयराघवन ने कहा, ''फेज तीन निश्चित है, लेकिन सर्कुलेट हो रहे वायरस के हाई लेवल को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि फेज तीन किस वक्त आएगा. हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए.''
विजयराघवन ने कहा, ‘’दुनियाभर में और भारत में भी नए वेरिएंट पैदा होंगे लेकिन ट्रांसमिशन को बढ़ाने वाले वेरिएंट के स्थिर होने की संभावना है. इम्यून से बचने वाले वेरिएंट और जो बीमारी की गंभीरता को कम करते हैं या बढ़ाते हैं, वे आगे बढ़ेंगे.’’
इसके आगे उन्होंने कहा, ''भारत और पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस तरह के वेरिएंट्स का पूर्वानुमान लगाने, तेजी से उनके खिलाफ कदम उठाने और संशोधित टूल विकसित करने पर काम कर रहे हैं. यह एक गहन शोध कार्यक्रम है, जो भारत और विदेशों में हो रहा है.''
नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) वीके पॉल ने COVID-19 को लेकर कहा, ''यह बीमारी जानवरों से नहीं फैल रही है. यह इंसानों से इंसानों के बीच का ट्रांसमिशन है.''
अब तक कोरोना वैक्सीन की 16 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी गईं
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत में COVID-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक वैक्सीन की 16 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी हैं. यह 'उपलब्धि' हासिल करने में 109 दिन का वक्त लगा है. भारत की तुलना में अमेरिका ने यह काम करने में 111 दिन जबकि चीन ने 116 दिन का समय लिया है.
मंत्रालय ने बताया कि देश के 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 18-44 साल उम्र के लोगों को COVID-19 का टीका देने का अभियान शुरू हो चुका है, जिसके तहत अब तक इस आयु वर्ग के 671285 लाभार्थी वैक्सीन की पहली खुराक ले चुके हैं.
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की कुल 160494188 खुराक दी जा चुकी हैं. इसमें 9462505 स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जो टीके की पहली खुराक ले चुके हैं जबकि 6322055 स्वास्थ्यकर्मी टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं. वहीं अग्रिम मोर्चे पर तैनात 13565728 कर्मचारी टीके की पहली खुराक ले चुके हैं जबकि 7332999 कर्मचारी टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं.
कोरोना टीकाकरण अभियान के 109वें दिन 4 मई को 14,84,989 लोगों को टीका लगाया गया. इनमें से 780066 लोगों को पहली खुराक जबकि 704923 लोगों को दूसरी खुराक दी गई.
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