केंद्र सरकार ने उन निजी अस्तपालों को भी COVID-19 टीकाकरण केंद्रों के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है, जो आयुष्मान भारत-PMJAY या CGHS के अधीन नहीं हैं या राज्य सरकारों की स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं. वैक्सीन लगवाने के लिए भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन होने के बीच यह फैसला किया गया है.
सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से COVID-19 टीकाकरण केंद्रों के तौर पर काम कर रहे निजी अस्पतालों की 100 फीसदी क्षमता को यूटिलाइज करने का भी अनुरोध किया है.
बता दें कि 1 मार्च से भारत में COVID-19 टीकाकरण अभियान का दूसरा फेज शुरू किया गया है, इस फेज के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी टीकाकरण अभियान में शामिल किया गया है. इससे पहले 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पहले फेज में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया गया.
केंद्र ने बताया है कि 1 मार्च से कोविन पोर्टल पर वैक्सीन लगवाने के लिए 50 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि 2 मार्च को शाम 7 बजे तक 609845 वैक्सीन की खुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं, वहीं टीकाकरण अभियान की शुरुआत से लेकर 2 मार्च की शाम तक कुल 1.54 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. बात 1 मार्च की करें तो केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, उस दिन शाम 7 बजे तक 427072 लोगों का टीकाकरण किया गया था.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 2 मार्च को कहा कि महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में COVID-19 के नए या उपचाराधीन मरीजों में बढ़ोतरी जारी है, लेकिन यह भी एक तथ्य है कि संक्रमण से उबरने की दर 97 फीसदी से ज्यादा है और भारत में कुल उपचाराधीन मरीज दो फीसदी से भी कम (1.51 प्रतिशत) हैं.
भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में केंद्रीय टीमें तैनात की गई हैं, हरियाणा की भी निगरानी की जा रही है.
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