राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के चलते पिछले करीब डेढ़ हफ्ते से लॉकडाउन है. लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद प्रवासी मजदूरों और रोज कमाकर खाने वालों के सामने एक बार फिर मुश्किल हालात हैं. लॉकडाउन में ऐसे गरीबों की आर्थिक मदद की मागं लगातार उठ रही थी, जिसके बाद अब दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने ऐलान किया है कि महामारी में कोरोना पॉजिटिव हुए पंजीकृत कंस्ट्रक्शन मजदूरों और उनके परिवार को चिकित्सकीय सहायता के रूप में 5 हजार से 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
RT-PCR रिपोर्ट की जांच के बाद मिलेगी मदद
दिल्ली सरकार की तरफ से बताया गया है कि,
“कंस्ट्रक्शन मजदूरों के RT-PCR कोरोना रिपोर्ट की आईसीएमआर के पोर्टल पर जांच करने के बाद सहायता राशि को सीधे उनके खातों में भेजा जाएगा. ये सहायता राशि कोरोना काल के दौरान श्रमिकों के वित्तीय संकट को कम करने में मदद करेगी.”
दिल्ली सरकार की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि, प्रवासी, दिहाड़ी और निर्माण कार्यो में लगे मजदूरों की अन्य जरूरतों के पूरा करने के लिए दिल्ली के सभी जिलों में कई स्कूलों और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर 150 से अधिक फूड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर भी शुरू किए गए हैं. जिनमें अब तक लगभग 83 हजार फूड पैकेट बांटे जा चुके हैं.
कंस्ट्रक्शन मजदूरों को 5 हजार की मदद
बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने के ऐलान के ठीक पहले बताया था कि पंजीकृत कंस्ट्रक्शन मजदूरों को 5-5 हजार रुपये की वित्तीय सहायता राशि दी जाएगी. केजरीवाल सरकार के मुताबिक अब तक लगभग 2 लाख श्रमिकों को 100 करोड़ की सहायता राशि दी गई है. दिल्ली में फिलहाल 1 लाख 72 हजार कंस्ट्रक्शन मजदूर हैं.
इससे पहले जब दिल्ली सरकार ने एक हफ्ते के लॉकडाउन का ऐलान किया था तो सैकड़ों मजदूरों ने दिल्ली से पलायन कर दिया. बस स्टेशन और रेलवे स्टेशनों पर एक बार फिर मजदूरों की भीड़ नजर आई. अब भी मजदूर किसी तरह अपने गांव जाने की कोशिश कर रहे हैं, उनका कहना है कि लॉकडाउन को और आगे बढ़ाया जा सकता है, इसलिए वो शहर छोड़कर जाना चाहते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)