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कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन-वैक्सीन पर दिल्ली सरकार Vs बीजेपी

दिल्ली में कोरोना महामारी को लेकर भी जमकर चल रही राजनीति, नहीं सुलझ रहा बीजेपी और दिल्ली सरकार का झगड़ा

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देश महामारी से जूझ रहा है, कोरोना की दूसरी लहर ने सिस्टम से लेकर शासन-प्रशासन हर किसी की सच्चाई सामने लाकर रख दी. लेकिन दिल्ली सरकार और बीजेपी के बीच इस मुश्किल दौर में भी झगड़ा खत्म नहीं हो पा रहा है. फिर चाहे वो ऑक्सीजन का मामला हो या फिर वैक्सीन विवाद, कोरोना से जुड़े हर मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी लगातार एक दूसरे पर हमलावर हैं.

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ऑक्सीजन-वैक्सीन पर केजरीवाल Vs बीजेपी

दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन को लेकर लगातार केंद्र पर हमलावर है. वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि दिल्ली को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रही है, इसके बावजूद वो इस पर राजनीति कर रहे हैं. हलांकि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली को सिर्फ 1 दिन ही 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई हुई.

अब दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार कोरोना को लेकर लगातार अपने कामों को मीडिया के जरिए लोगों के सामने रख रही है. इसके लिए सीएम से लेकर डिप्टी सीएम और तमाम प्रवक्ता रोजाना प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर रहे हैं. साथ ही सीएम केजरीवाल ने 26 अप्रैल को कहा था कि उन्होंने 1.34 करोड़ वैक्सीन खरीदने की मंजूरी दे दी है और तीन महीने में दिल्ली में वैक्सीनेशन पूरा कर सकते हैं.

दिल्ली में वैक्सीनेशन को लेकर बीजेपी के सवाल

लेकिन इसे लेकर अब बीजेपी ने खुलकर केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है. पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा सामने आए, जिन्होंने शुरुआत में महामारी के दौरान राजनीति के आरोपों से बचने के लिए कहा कि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को करने की हमारी कोई इच्छा नहीं थी. हम नहीं चाहते कि राजनीति हो. लेकिन हर दिन अगर दिल्ली को भ्रमित किया जाए तो सच्चाई लोगों के सामने रखनी होगी. संबित पात्रा ने कहा,

“26 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि हम 1.34 करोड़ वैक्सीन खरीदने की मंजूरी दे दी है. इसके बाद चारों तरफ वाहवाही शुरू हो जाती है. लेकिन आज वो कह रहे हैं कि हमारे पास कुछ नहीं है. भारत सरकार के बाहर केजरीवाल सरकार ने कुल 5.5 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया है. लेकिन टीवी में भोला और मासूम चेहरा बनाकर ये कहते हैं कि हमने 1 करोड़ से ज्यादा का ऑर्डर दिया है.”

इस दौरान बीजेपी की तरफ से दिल्ली में वैक्सीनेशन के आंकड़े भी सामने रखे गए. जिनसे ये बताया गया कि दिल्ली में सभी वर्ग के लोगों का काफी कम वैक्सीनेशन हुआ है.

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दिल्ली के साथ नहीं हो रहा सौतेला व्यवहार- बीजेपी

इसके अलावा बीजेपी ने ऑक्सीजन को लेकर भी केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया. संबित पात्रा ने कहा कि हमारा भी दिल रोता है जब कोई बिना ऑक्सीजन के मरता है. लेकिन ऑक्सीजन को लेकर राजनीति हो रही है. महाराष्ट्र में भारत सरकार और बाकी राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई की, लेकिन आपको क्यों लगता है कि दिल्ली के लिए रवैया अलग होता है. दिल्ली में केजरीवाल जी राजनीति करते हैं. केजरीवाल ने कुछ दिन पहले पीएम को चिट्ठी लिखकर कहा कि आपने पूरा ऑक्सीजन सप्लाई किया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. लेकिन इसके कुछ ही देर बाद राघव चड्ढा बोलते हैं कि हमें तो 976 मीट्रिक टन आवश्यकता है. इसीलिए दिल्ली सरकार ऑक्सीजन ऑडिट नहीं करवाना चाहती है. बीजेपी ने कहा कि पिछले 7 साल में दिल्ली सरकार ने एक भी हॉस्पिटल नहीं बनाया है.

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डिप्टी सीएम सिसोदिया ने दिया जवाब

अब बीजेपी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में आम आदमी पार्टी की तरफ से भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. जिसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार झूठ और प्रोपोगेंडा की राजनीति कर रही है. बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए सिसोदिया ने कहा कि, जब अप्रैल में केंद्र सरकार ने तय किया था कि वैक्सीन कंपनियां राज्यों को सीधे वैक्सीन बेच सकती हैं, तब दिल्ली सरकार ने वैक्सीन कंपनी को 1.34 करोड़ वैक्सीन का आर्डर दिया जो 18-45 वर्ष के लोगों को लगाया जाना था. लेकिन वैक्सीन मिलने के बजाय केंद्र सरकार का पत्र मिला जिसमें साफ लिखा हुआ था कि दिल्ली को केवल 3.59 लाख वैक्सीन ही मिलेंगी. जिसमें 92 हजार 840 कोवैक्सीन और 2 लाख 67 हजार 690 कोविशील्ड वैक्सीन होंगे.

सिसोदिया ने कहा कि, जिस समय देश में लोग मर रहे थे, केंद्र सरकार ने बंगाल में चुनाव करवाये ओर लोगों को कोरोना में झोंक दिया. ऐसा ही केंद्र सरकार ने कुंभ का आयोजन करके किया. और जब अपने लोगों की जान को बचाने का समय आया तो केंद्र सरकार ने वैक्सीन विदेशों में बेच दी. ये जघन्य अपराध है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब अपनी आंखें खोले और देश में वैक्सीन उपलब्ध करवाए न कि झूठी प्रोपोगेंडा की राजनीति कर देश का बेड़ा गर्क करे.
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अब ये बात तो 100 फीसदी सच है कि इस कोरोना महामारी के दौर में भी दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया है. लेकिन अगर इन दोनों मुद्दों, यानी वैक्सीन ऑर्डर और ऑक्सीजन सप्लाई की बात करें तो कहीं न कहीं केंद्र सरकार इसमें बैकफुट पर है.

केंद्र सरकार ने कितनी वैक्सीन का दिया है ऑर्डर?

केंद्र सरकार की तरफ से अब तक सिर्फ 35 करोड़ वैक्सीन का ही ऑर्डर दिया गया है. सीरम इंस्टीट्यूट ने जानकारी देते हुए बताया है कि अब तक केंद्र की तरफ से कुल 26 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर मिला है. जिसमें से 15 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन सप्लाई भी हो चुकी है. वहीं सरकार ने खुद बताया है कि उसने भारत बायोटेक को 7 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है.

लेकिन अगर 18 साल से ऊपर करीब 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगनी है तो कुल 200 करोड़ वैक्सीन डोज चाहिए होंगीं. अब ये सवाल बड़ा है कि 35 करोड़ से करीब 150 या 200 करोड़ डोज तक देश कब पहुंचेगा? भले ही राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों ने अब ऑर्डर करना शुरू कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी वैक्सीनेशन में कई महीने लग सकते हैं.
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दिल्ली को सिर्फ 1 दिन ऑक्सीजन की पूरी सप्लाई

अब दूसरे मामले, यानी ऑक्सीजन सप्लाई की अगर बात करें तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी ये माना है कि दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है. 30 अप्रैल के बाद से लगातार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को फटकार लगा रहे हैं, लेकिन इस बीच आज तक सिर्फ 1 ही दिन ये टारगेट पूरा हुआ है. भले ही दिल्ली सरकार 900 MT से ज्यादा ऑक्सीजन की मांग कर केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही हो, लेकिन सवाल ये है कि केंद्र ने 700 मीट्रिक टन की भी रोजाना सप्लाई नहीं की है.

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