29 नवंबर को सरकार की ओर से दिए बयान में कहा गया कि भारत उन देशों की मदद करने को तैयार है जो कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से जूझ रहे हैं.
सरकार का यह फैसला ब्रिटेन सहित यूरोप से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और 11 अन्य ‘At Risk’ देशों के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी करने के एक दिन बाद आया है.
नई गाइडलाइन के मुताबिक विदेशी यात्रियों के आने पर कोरोना टेस्ट करवाना होगा, जिसके बाद निगेटिव आने पर भी सात दिनों के लिए होम क्वारंटीन में रहना होगा और आठवें दिन फिर से टेस्ट करवाना होगा.
विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि हमने Covid19 के नए वेरिएंट पर ध्यान दिया है. हम उन देशों के साथ हैं, जहां Omicron से संबंधित मामले पाए गए हैं, विशेष रूप से अफ्रीका.
भारत सरकार मेड-इन-इंडिया वैक्सीन की आपूर्ति सहित ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए अफ्रीका के प्रभावित देशों की मदद करने के लिए तैयार है.विदेश मंत्रालय
मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि इस संबंध में, सरकार ने मलावी, इथियोपिया, जॉम्बिया, मोजाम्बिक, गिनी और लेसोथो जैसे अफ्रीकी देशों को कोविशील्ड टीकों की आपूर्ति के लिए दिए गए सभी आदेशों को मंजूरी दी जा चुकी है.
बोत्सवाना को Covaxin की आपूर्ति करने की मंजूरी दी जा चुकी है. जिस भी देश को मदद की जरूरत होगी, उसे द्विपक्षीय रूप से या COVAX के माध्यम से वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी.
मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत आवश्यक लाइफ-सेविंग दवाओं, टेस्ट किट, दस्ताने, पीपीई किट और वेंटिलेटर जैसे उपकरणों की आपूर्ति के लिए तैयार है. भारतीय संस्थान अफ्रीकी देशों के साथ जीनोमिक निगरानी और वायरस से संबंधित रिसर्च में सहयोग करने पर विचार करेंगे.
बता दें कि भारत ने अब तक अफ्रीका के 41 देशों को भारत में निर्मित वैक्सीन की 25 मिलियन से अधिक डोज की आपूर्ति की है, जिसमें 16 देशों को लगभग 1 मिलियन डोज और 33 देशों को COVAX सुविधा के तहत 16 मिलियन से अधिक डोज शामिल हैं.
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