ट्विटर पर खुद के लिए ICU बेड की मदद की गुहार लगाने वालीं जामिया मिलिया इस्लामिया की 38 साल की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नबिला सादिक का कोरोना से निधन हो गया है. वो फरीदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती थीं, जहां 17 मई की रात उनकी मौत हो गई. दस दिन पहले ही उनकी मां की कोरोना के कारण पैदा हुई स्वास्थ्य परेशानियों से मौत हो गई थी.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ नबिला सादिक के अलावा उनके माता-पिता को भी कोरोना संक्रमण था. नबिला की मौत से दस दिन पहले ही उनकी मां की मौत हुई थी. उन्हें अपनी मां के निधन की जानकारी नहीं थी. उनके पिता भी अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन ठीक होने के बाद अब वो होम क्वॉरन्टीन में हैं.
नबिला पर दवाई और ट्रीटमेंट का असर नहीं हो रहा था, और 17 मई की रात 11 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया. 18 मई को मंगोलपुरी में उनके दोस्तों और स्टूडेंट्स ने उनका अंतिम संस्कार किया.
जामिया के एक स्टूडेंट, वकार ने बताया कि उनका ऑक्सीजन लेवल 32% तक गिर गया था, सीटी स्कैन में डॉक्टर ने बताया कि उनके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचा है. 15 मई को उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
स्टूडेंट्स ने कहा कि नबिला ने महामारी के दौरान उन्होंने कई लोगों की मदद की थी. वो सोशल मीडिया पर लोगों के SOS मैसेज भी शेयर करती थीं. कुछ दिनों पहले अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “इस हिसाब से तो दिल्ली में तो कोई जिंदा नहीं बचेगा.”
नहीं थी मां की मौत की खबर
नबिला की मौत से 10 दिन पहले ही उनकी मां का कोरोना से निधन हुआ था. उनकी क्रिटिकल हालत देखते हुए उनके दोस्तों ने उनकी मां के निधन की जानकारी उन्हें नहीं दी थी. 7 मई को उनके दोस्तों और स्टूजडेंट्स ने उनकी मां का अंतिम संस्कार किया. इसी दौरान नबिला की हालत और खराब हो गई.
नबिला के 80 साल के पिता, सादिक रिटायर्ड प्रोफेसर हैं. वो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जेएनयू में पढ़ा चुके हैं. पत्नी और बेटी को खो चुके सादिक ने कहा, “मुझे लगता है कि वह अपनी मां से ज्यादा प्यार करती थी और उसके साथ चली गई... मुझे यहां अकेला छोड़कर.”
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