महाराष्ट्र ने मार्च 2021 में कोरोना मामलों की सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की है. पिछले एक महीने में 6.6 लाख नए मामलों के साथ 400% बढ़त का रिकॉर्ड महाराष्ट्र में दर्ज हुआ है. जिसमे मुंबई से भी एक महीने में अबतक के सबसे ज्यादा यानी 83,457 कोरोना मामले शामिल है. लेकिन मुंबई बीएमसी के मुताबिक तकरीबन 81% मरीजों में कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. जिससे इतनी बड़ी संख्या में कोरोना के साइलेंट सुपर स्प्रेडर होने से चिंता बढ़ गई है.
बीएमसी मुंबई कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने बताया कि मुंबई में 30 मार्च तक पिछले 49 दिनों में 91,000 कोरोना मामले सामने आए. जिसमें 74,000 मामलों में कोई लक्षण नहीं दिख रहे. जिसका मतलब साफ है कि कोरोना के बढ़ते मामलों में तकरीबन 17 हजार मामले ऐसे है जिन्हें तत्काल ध्यान और देखभाल की जरूरत है. लेकिन ऐसे में बिना लक्षण वाले मरीजों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. क्योंकि यही बड़ा आंकड़ा कोरोना संक्रमण तेजी से फैलाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है.
इसीलिए बीएमसी ने अब बिना लक्षण वाले केसेस पर ध्यान रखने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है. आइये देखते है मुंबई में आइसोलेशन और क्वारंटाइन के नियमों को कैसे सख्ती से लागू किया जा रहा है.
- एसिम्प्टोमैटिक, माइल्ड सिम्प्टोमैटिक और बीना लक्षण के बुजुर्ग और को-मॉर्बिड मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सख्ती की गई है.
- इन मरीजों से क्लीनिकल फॉर्म पर कंसेंट लेते हुए इन्हें स्वास्थ्य कर्मचारियों की निगरानी में होम आइसोलेशन में रखा जाएगा. साथ ही समय-समय पर टेलीफोनिक माध्मय से दिशानिर्देश दिए जाएंगे.
- ऐसे मरीजों को घर के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर रहने और अलग शौचालय की व्यवस्था होने पर ही होम आइसोलेशन की इजाजत दी जाएगी. वरना इन्हें इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन फैसिलिटी में भेजा जाएगा.
- रोजाना हेल्थ मॉनिटरिंग के लिए बीएमसी की तरफ से IVR कॉल्स और SMS द्वारा लिंक भेजी जाएगी. जिसमें मरीज को अपना हेल्थ स्टेटस अपडेट कराना होगा.
- मरीज को क्वारंटाइन का स्टैम्प अनिवार्य होगा ताकि वो बाहर ना घूम सके. ऐसे करने पर उसपर एपिडेमिक एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता और साथ ही भारी जुर्माना भरना पड़ेगा.
बता दे कि किस तरह से पिछले सिर्फ एक हफ्ते में इन साइलेंट स्प्रेडर्स की वजह से कोरोना के मामलो में बढ़ोतरी हुई है :
- 25 मार्च : 5504 नए केसेस में साथ 33,961 एक्टिव केसेस तक पहुंचे. जिसमे ग्रोथ रेट 0.89% और डबलिंग रेट 75 दिनों का था
- 26 मार्च : 5513 केसेस के साथ 37,804 एक्टिव केसेस निकले. जिसमे ग्रोथ रेट 0.98% और डबलिंग रेट 68 दिनों तक पहुंचा
- 27 मार्च : 6123 नए केसेस के साथ 41,609 एक्टिव केसेस हुए. जिसमें 1.06% ग्रोथ रेट के साथ डबलिंग रेट 63 दिनों तक घट गया.
- 28 मार्च : 6932 नए केसेस और 45,140 एक्टिव केसेस दर्ज हुए. जिसमे ग्रोथ रेट 1.17% और डबलिंग रेट 58 दिनों तक आ गया.
- 29 मार्च : 5888 नए केसेस के साथ कमी पाई गई लेकिन 47,453 एक्टिव केसेस निकले. जिसमे 1.27% ग्रोथ रेट और 53 दिनों का डबलिंग रेट रिकॉर्ड हुआ
- 30 मार्च : लगातार दूसरे दिन कमी के साथ 4758 केसेस पाए गए और 49,167 एक्टिव केसेस के साथ बढ़त जारी रही. साथ ही ग्रोथ रेट 1.34% और डबलिंग रेट अब 50 दिनों पर आकर रुक गया था.
- 31 मार्च : 5394 नए केसेस के साथ फिर एक बार उछाल और 51,411 एक्टिव केसेस के साथ 50 हजार का अकड़ा क्रॉस हो गया. जिसमे ग्रोथ रेट 1.37% और डबलिंग रेट 49 दिनों तक घट गया जो कि चिंता का विषय बना हुआ है.
इस स्थिति में कोरोना का फिर एक बार केंद्र बन रहा महाराष्ट्र अब लॉकडाउन की कगार पर खड़ा है. सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर मुंबई में इतनी बड़ी संख्या में साइलेंट सुपर स्प्रेडर होना प्रशासन के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है. लेकिन फिर भी लॉक डाउन को हो रहे कड़े विरोध के चलते अब बिना लक्षण वाले मरीजों पर सख्ती बरतने के कदम सरकार उठाते दिख रही है. जिससे बेकाबू हो रहे कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सके.
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