ADVERTISEMENTREMOVE AD

चंद दिनों में तीन गुना हुई कोरोना से अनाथ बच्चों की संख्या,अब 1742

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए नए आंकड़े

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से माता-पिता खोने वाले या बेसहारा हुए बच्चों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आकड़े पेश किए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
NCPCR के मुताबिक, बाल स्वराज पोर्टल पर 9346 प्रभावित बच्चों का डेटा अपलोड किया गया है, जिसमें माता-पिता दोनों को खोने वाले 1742 बच्चे शामिल हैं. प्रभावित बच्चों में 7464 ऐसे हैं कि जिनके माता-पिता में से किसी एक की मौत हो चुकी है. मार्च 2020 से लेकर 29 मई 2021 तक के इस डेटा में बेसहारा छोड़ दिए गए 140 बच्चे भी शामिल हैं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.

इन बच्चों में से 1224 अब एक अभिभावक के साथ रह रहे हैं, 985 एक परिवार के सदस्य के साथ, जिसे कानूनी अभिभावक के रूप में नामित नहीं किया गया है, जबकि 6612 माता या पिता के साथ रह रहे हैं. इसके अलावा 31 बच्चों को स्पेशल अडोप्शन एजेंसी में भेजा गया है.

बता दें कि हाल ही में NCPCR ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन बच्चों की जानकारियां अपने पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा, जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को खो दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

25 मई को स्मृति ईरानी ने सामने रखा था 577 बच्चों का डेटा

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 25 मई को ट्वीट कर कहा था, ‘‘भारत सरकार हर उस बच्चे का सहयोग और संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जानकारी दी गई है कि एक अप्रैल से आज दोपहर 2 बजे तक 577 बच्चों के माता-पिता की कोरोना के कारण मौत हुई है.’’

मीडिया रिपोर्ट ने सरकारी आंकड़ों पर उठाए थे सवाल

स्मृति ईरानी के ट्वीट में बताए गए आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए हिंदी अखबार दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में कहा- 'राजस्थान सरकार ने 28 मई तक एक सर्वे कराया तो इसमें प्रदेशभर में 411 बच्चों के अनाथ होने का आंकड़ा सामने आया. जब एक ही प्रदेश में इतने बच्चे अनाथ हुए हैं तो देशभर में यह आंकड़ा सिर्फ 577 ही कैसे हो सकता है?'

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×