भारत में जल्द ही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को अप्रुवल मिल सकता है. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ये वैक्सीन भारत में पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ मिलकर बना रही हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि SII की तरफ से सबमिट किया गया अपडेटेड डेटा संतोषजनक पाया गया है. हो सकता है कि डेटा इवैलुएशन पूरा होने पर, रेगुलेटर वैक्सीन को यूनाइटेड किंगडम के मेडिसीन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) से अप्रुवल का इंतजार न करे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पब्लिकेशन को बताया, “कंपनी ने यूके और ब्राजील में क्लीनिकल ट्रायल का डेटा सबमिट किया है, और रिव्यू जारी है. सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा सबमिट की गई अपडेटेड जानकारी भी संतोषजनक नजर आ रही है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि रेगुलेटरी असेसमेंट के बाद, वैक्सीन एक या दो दिन में अप्रूव की जा सकती है.”
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट के इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन (EUA) एप्लीकेशन की जांच करने के लिए इस हफ्ते मुलाकात कर सकती है.
भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन की मैन्युफैक्चकिंग और टेस्टिंग कर रहे SII ने पिछले हफ्ते नेशनल ड्रग्स रेगुलेटर को एडिशनल डेटा सबमिट किया था. SII ने वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर सबसे पहले 9 दिसंबर को ड्रग्स रेगुलेटर को आवेदन किया था.
नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी है ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड की कोविड वैक्सीन वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी है. एस्ट्राजेनेका के चीफ एग्जिक्यूटिव, पास्कल सोरिट ने कहा कि नए डेटा से पता चलेगा कि वैक्सीन फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन जितनी ही प्रभावी हैं, जिन्हें पहले ही अप्रुवल मिल चुका है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन वायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी होनी चाहिए, जिसके तेजी से फैलने के बाद इंग्लैंड लॉकडाउन में चला गया है.
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