केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अभी गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाएं COVID-19 वैक्सीन न लगवाएं क्योंकि उन्हें अभी तक किसी भी वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है.
दरअसल, मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लेटर लिखकर COVID-19 वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर यह बताया है कि क्या किया जाए और क्या न किया जाए. उसने कहा है:
- COVID-19 वैक्सीन केवल 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए है.
- जरूरत पड़ने पर COVID-19 वैक्सीन और बाकी टीकों के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल रखा जाना चाहिए.
- COVID-19 वैक्सीन की विनिमयशीलता (एक टीका अलग, दूसरा अलग) की अनुमति नहीं है. दूसरी खुराक भी उसी वैक्सीन की लेनी होगी, जो पहली वैक्सीन की ली गई है.
- इस वैक्सीन की खुराक ब्लीडिंग या कॉगुलेशन डिस्ऑर्डर की हिस्ट्री वाले किसी भी व्यक्ति को सावधानी के साथ दी जानी चाहिए.
इन मामलों में रिकवरी के बाद 4-8 हफ्ते के लिए टीकाकरण को टालने के लिए कहा गया है:
- किसी को SARS-CoV-2 के सक्रिय लक्षण हों.
- कोरोना वायरस से संक्रमित कोई ऐसा मरीज हो, जिसे एंटी-SARS-CoV-2 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या कॉन्वेलसेंट प्लाज्मा दिया गया हो.
- किसी भी बीमारी की वजह से मरीज गंभीर रूप से अस्वस्थ और अस्पताल में भर्ती हो.
बता दें कि भारत में COVID-19 टीकाकरण का पहला फेज 16 जनवरी से शुरू होगा. COVID-19 वैक्सीन की बात करें तो देश के ड्रग रेग्युलेटर ने इमरजेंसी यूज के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि COVID-19 का टीका 28 दिनों के अंतर पर लगेगा और दूसरा टीका लगने के 14 दिनों के बाद उसका असर शुरू होगा.
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