तीन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्लू बुश और बिल क्लिंटन सार्वजनिक तौर पर कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाने को तैयार हैं. अब रिपोर्ट्स का कहना है कि ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ और उनके पति प्रिंस फिलिप को सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन दी जाएगी. दो बड़े देशों के सबसे बड़े प्रतिनिधियों में से एक, इन शख्सियतों को कोरोना वैक्सीन देने की बात पर सार्वजनिक चर्चा होना बड़ी बात है. इससे न सिर्फ वैक्सीन को बढ़ावा देने और जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी, साथ ही जिस तरीके से ऑनलाइन 'फर्जी जानकारियों' की बाढ़ आई हुई है, उससे भी लड़ा जा सकेगा.
क्वीन एलिजाबेथ का वैक्सीन लेना अहम क्यों है?
फाइजर वैक्सीन को दो दिसंबर को यूके में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी. इंग्लैंड के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले केयर होम में रहने वाले बुजुर्गों और वहां काम करने वाले लोगों को दी जाएगी. फिर प्राथमिकता की इस लिस्ट में 80 साल की उम्र से ज्यादा के लोग हैं.
अब 94 साल की क्वीन और 99 साल के प्रिंस फिलीप को वैक्सीन अगर दी जाती है तो लोगों में वैक्सीन को लेकर पॉजिटिव मैसेज तो जाएगा ही ,साथ ही भरोसा भी बढ़ेगा.
वैसे भी क्वीन एलिजाबेथ को ब्रिटिश सोसायटी में काफी तवज्जो दी जाती है और जब वो खुद वैक्सीनेशन कराने के लिए आगे आती हैं तो इसके खिलाफ चल रहे 'मिस-इंफॉर्मेशन' को काउंटर किया जा सकेगा.
द टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है साल 1957 में भी ऐसा देखा गया था, जब पोलियो के वैक्सीन के संभावित खतरे को लेकर चिंताएं थीं. ऐसे वक्त में क्वीन ने सार्वजनिक किया था कि प्रिंस चार्ल्स और उनकी बहन प्रिंसेज एनी को वैक्सीन लगवाया गया है.बता दें कि ये राजघराना भी कोरोना के कहर से नहीं बच पाया है. प्रिंस चार्ल्स और उनके बेटे विलियम कोरोना वायरस संक्रमित हो चुके हैं. ब्रिटेन में करीब 17 लाख लोग इस वायरस संक्रमित हैं करीब 60 हजार की मौत हो गई है.
भरोसा बढ़ाने के लिए पहले ही आगे आए ओबामा-बुश-क्लिंटन
बात अगर अमेरिका की करें तो सीएसएसई के अनुसार, ये देश दुनिया में सबसे अधिक कोरोना प्रभावित देश है, यहां संक्रमण के 1 करोड़ 47 लाख से ज्यादा मामले और 2 लाख 82 हजार से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं. राष्ट्रपति ट्रंप के ढीले रवैये की भी इस दौरान खूब आलोचना हुई है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन को जब मंजूरी मिलने ही वाली है और साथ ही इस बीमारी के दहशत के बीच अमेरिका में वैक्सीन को लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में तीन पॉपुलर पूर्व राष्ट्रपति सामने आकर वैक्सीन में देश का भरोसा बढ़ाने की कवायद करते दिख रहे हैं.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने SiriusXM को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें डॉ. फाउची पर यकीन है. डॉ. एंथनी फाउची अमेरिका में संक्रमित बीमारियों के टॉप एक्सपर्ट हैं.
ओबामा ने कहा कि जब वैक्सीन कम रिस्क के लोगों के लिए उपलब्ध होगी, तो वो उसे जरूर लेंगे. उन्होंने लोगों में जागरुकता बढ़ाने को लेकर कहा, "मैं शायद इसे टीवी पर लूं या इसे रिकॉर्ड करूं, ताकि लोगों को पता चल सके कि मैं साइंस में यकीन करता हूं, कोविड से संक्रमित होने में नहीं."
बुश के चीफ स्टाफ, फ्रेडी फॉर्ड ने अमेरिकी पब्लिकेशन CNN से कहा कि उन्होंने डॉ. फाउची और व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस रिस्पॉन्स कोऑर्डिनेटर से वैक्सीन को प्रमोट करने को लेकर संपर्क किया है. पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के प्रेस सचिव ने भी CNN से कहा है कि वैक्सीन को प्रमोट करने के लिए क्लिंटन पब्लिक प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हैं.
कुल मिलाकर ये सभी दिग्गज खुद आगे आकर ये बता रहे हैं कि वो इस महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन पर भरोसा करते हैं और उनके समर्थकों-प्रशंसकों को भी करना चाहिए.
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