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SII इस हफ्ते से शुरू करेगा नोवावैक्स की वैक्सीन का प्रोडक्शन

नोवावैक्स ने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ किया है करार

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भारत को कोविशील्ड के रूप में पहली कोरोना वैक्सीन (COVID Vaccine) देने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अब नोवावैक्स की वैक्सीन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. पुणे स्थित कंपनी की तरफ से बताया गया है कि इसी हफ्ते से नोवावैक्स की वैक्सीन कोवोवैक्स (Covovax) का प्रोडक्शन शुरू किया जा रहा है. जैसे पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में कोविशील्ड तैयार हो रही है, ठीक उसी तरह अब इस वैक्सीन का भी प्रोडक्शन होगा.

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भारत में होगा करोड़ों डोज का प्रोडक्शन

हालांकि भारत में नोवावैक्स की वैक्सीन को फिलहाल इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है. लेकिन कंपनी ने पहले ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से मैन्युफैक्चरिंग के लिए पार्टरशिप कर ली थी. जिसके बाद अब पुणे की लैब में इस वैक्सीन के करोड़ों डोज तैयार किए जाएंगे, जिन्हें कंपनी भारत के अलावा अन्य कई देशों को बेच सकती है.

90 फीसदी तक कारगर होने का दावा

बता दें कि कंपनी ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन कोरोना मरीजों पर 90 फीसदी तक कारगर है. साथ ही कंपनी ने कई देशों में मंजूरी के लिए अप्लाई किया है, जिसके बाद मंजूरी मिलते ही देशों को उनकी डिमांड के हिसाब से वैक्सीन सप्लाई की जाएगी.

नोवावैक्स का अमेरिका और मैक्सिको में 18 साल और उससे अधिक उम्र के करीब 30,000 लोगों पर ट्रायल हुआ है. इसमें तीन सप्ताह के अंतराल में पर दो-तिहाई लोगों को टीके की दो खुराकें दी गईं और बाकी को डमी शॉट्स दिए गए. नतीजे फाइजर और मॉडर्ना की वैक्‍सीन जैसे बताए जा रहे हैं. जॉनसन एंड जॉनसन के मुकाबले नोवावैक्‍स बेहतर वैक्‍सीन बताई जा रही है, हालांकि इसे अमेरिका में रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने में देरी होगी. कंपनी का कहना है कि सितंबर के अंत तक अमेरिका और यूरोप समेत कई देशों में वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी.

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