भारत सरकार ने करोना (COVID 19) के खिलाफ लड़ाई में जिन विदेशी वैक्सीनों को ट्रायल की मंजूरी दी है उसमें एक और नाम जुड़ गया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी के एक और वर्जन स्पूतनिक लाइट ( Sputnik Light) को भारत में तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति दे दी.
इस चरण में यह देखा जाएगा क्या सिंगल डोज वाली स्पूतनिक लाइट वैक्सीन क्या भारतीयों पर भी उतनी ही प्रभावी है जितना कि रूस की आबादी पर. स्पूतनिक लाइट, अभी तक ट्रायल में 79% प्रभावी रही है.
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने 5 अगस्त को हुई एक मीटिंग में वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद 42 वें, 90 वें और 180 वें दिन भी इसके के प्रभाव के आधार पर ट्रायल की स्थिति जांचने की सिफारिश की थी. कमेटी ने कहा था कि,
"भारत में स्पूतनिक वी के ट्रायल के दौरान पहली खुराक के 21 दिन बाद डेटा इकट्ठा किया गया था, लेकिन स्पूतनिक लाइट में 42वें दिन किया जा सकता है."
इससे पहले अप्रैल के महीने में, DCGI ने दो डोज वाले स्पूतनिक V को 'इमेरजेंसी यूज अप्रूवल' दिया था. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल के अनुसार, अब तक भारत में स्पुतनिक वी की 8-9 लाख खुराकें दी जा चुकी हैं.
भारत में बड़े प्रोडक्शन की तैयारी
स्पूतनिक कंपनी की तरफ से भारतीय फार्मा कंपनियों के साथ करार किए जा रहे हैं. भारत में हर महीने स्पूतनिक वी के करोड़ों डोज तैयार किए जाएंगे. रशियन डायरेक्टर इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) की तरफ से फिलहाल स्पूतनिक वी की फंडिंग की जा रही है.
RDIF ने कुछ दिनों पहले बताया था कि, इस साल तक स्पूतनिक वी के 85 करोड़ डोज बनाने का टारगेट रखा गया है. उन्होंने कहा था कि भारत में जल्द स्पूतनिक लाइट भी आ जाएगी.
कंपनी की तरफ से दावा किया गया है कि स्पूतनिक लाइट कोरोना मरीजों पर 79.3% कारगर है. साथ ही बाकी वैक्सीन की तरह ये भी दावा करती है कि ये सभी कोरोना वेरिएंट्स पर कारगर है.
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